आज से 12 साल पहले 2007 में भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा वक्त बिताने वाली पहली महिला बनीं. उन्होंने साल 2006 में सुनीता ने अंतरिक्ष में 195 दिन अंतरिक्ष में बिताए थे, जिसकी वजह से उनकी काफी चर्चा हुई थी. ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर जब कोई एस्ट्रोनोट अंतरिक्ष में जाता है तो वहां कैसे रहता है और क्या उनकी दिनचर्या रहती है.
सुनीता विलियम्स ने खुद अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान एक वीडियो बनाया था और बताया था कि एस्ट्रोनोट स्पेस में कैसे रहते हैं. उन्होंने बताया था कि वे वहां कैसे खाते-पीते और सोते हैं? वे कैसे बाथरूम करते हैं? इस वीडियो के आधार पर हम आपको बता रहे हैं कि आखिर वो वहां कैसे रहते हैं…
स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष यात्रियों का घर होता है, लेकिन यहां सोने के लिए स्पेशल व्यवस्था होती है. दरअसल गुरुत्वाकर्षण बल ना होने की वजह से वहां एस्ट्रोनॉट के लिए अलग अलग सुविधाएं होती है. इसलिए सोने के लिए स्लीपिंग स्पेस बने होते हैं और ये एक फोन बूथ की तरह होते हैं. इसमें एक केबिन की तरह घुसना होता है. सोने के लिए खुद को एक स्लीपिंग बैग के अंदर पैक करना पड़ता है.
अंतरिक्ष में सभी सामान के लिए भी स्पेशल व्यवस्था होती है, क्योंकि ऐसे हर चीज हवा में तैरने लगेगी. इसलिए हर सामान पैक होता है और सोते वक्त भी वैज्ञानिकों को पैक होकर रहना पड़ता है.
अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट के लिए टॉयलेट भी खास तरीके का होता है. इसमें ही यहां पेशाब जाने के लिए एक खास तरीके का पाइप होता है, जिसका इस्तेमाल किया जाता है. पेशाब करने के लिए टॉयलेट सीट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
यहां खाने के लिए अलग किचन होती है. इसमें खाने का सामान होता है और अर्थ से ही एस्ट्रोनॉट खाने का सामान लेकर जाते हैं.
वहीं फ्रेश होने के लिए एक खास सीट होती है, जिसमें आपको खुद को फिट करना होता है. उसके बाद आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं टॉयलेट में इस्तेमाल करने के लिए अलग अलग टॉयलेट पेपर भी होते हैं.
साथ ही वे प्रोटीन आदि आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए मेडिसिन, पेस्ट आदि का इस्तेमाल भी करते हैं. खाने में अंडे, मीट सब्जियां, ब्रेड, स्नैक्स जैसी सभी वैराइटी मिलेगी.
दुनिया में कम ही लोग कुछ मज़ेदार पढ़ने के शौक़ीन हैं। आप भी पढ़ें। हमारे Facebook Page को Like करें – www.facebook.com/iamfeedy