मात्र 27 की उम्र में अंकिति का बिजनेस एक अरब डॉलर

0


महिलाएं आज हर स्टार्टअप के क्षेत्र में कामयाबी का परचम लहरा रही हैं। रिचा कार, मनीषा राय सिंहानी, कनिका टेकरीवाल, फल्गुनी नायर, नैय्या सग्गी, शुभ्रा चड्डा, रश्मी दागा, उपासना ताकु, साइरी चहल, स्वाती भार्गव की तरह एक नया नाम साउथ ईस्ट एशिया के फैशन ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म पर सफलता की मिसाल बना है अंकिति बोस, जिनके स्टार्टअप की वैल्यू 970 मिलियन डॉलर हो चुकी है।

आज, साउथ ईस्ट एशिया के फैशन ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म जीलिंगो जल्द ही एक नया मुकाम छूने वाला है। सिर्फ चार साल में यह स्टार्टअप ‘यूनिकॉर्न’ स्टेटस पाने के बेहद करीब है। कंपनी की इस कामयाबी के पीछे हाथ है अंकिति बोस का, जो इसकी को-फाउंडर होने के साथ-साथ सीईओ भी हैं। अपने स्टार्टअप की कामयाबी से पूरी दुनिया का ध्यान आकृष्ट करने वाली अंकिति की अभी उम्र ही क्या है, सिर्फ 27 साल। इस समय उनके स्टार्टअप की वैल्यू 970 मिलियन डॉलर पहुंच चुकी है, जिसमें से 306 मिलियन डॉलर सिर्फ फंडिग से जुटाए गए हैं। इस टर्म की शुरुआत 2013 में वेंचर कैपिटल एलिन ली ने की थी। इसके लिए काल्पनिक जानवर ‘यूनिकॉर्न’ का इस्तेमाल किया गया क्योंकि ऐसे सफल वेंचर भी कम ही देखने को मिलते हैं।

उनकी स्टार्टअप टीम में इस समय लगभग सौ लोग काम कर रहे हैं। अंकिति कहती है- ‘मेरे पूरे सफर में कई पुरुषों ने मेरा सहयोग किया है। लेकिन अगर महिला उद्यमी ज्यादा होती तो ज्यादा अच्छा होता।’ यूनिकॉर्न एक टर्म है, जिसे उन स्टार्टअप्स को दिया जाता है जिनकी वैल्यू एक अरब डॉलर के करीब हो जाती है। अब जीलिंगो भारतीय उद्यमी द्वारा चलाई जा रही सफल कंपनियों से एक बन चुकी है। जीलिंगो का हेडक्वॉर्टर फिलहाल सिंगापुर में है और इसकी टेक टीम बेंगलुरु से काम कर रही है। बेंगलुरु में दूसरे को फाउंडर आईआईटी गुवाहाटी से पढ़े 24 साल के ध्रुव कपूर काम संभाल रहे हैं।

अंकिति के स्टार्टअप ने पिछले मात्र चार वर्षों में एक ऊंचा मुकाम बना लिया है। अंकिति ने लगभग छह वर्ष पूर्व मुंबई के सेंट जेवियर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया था। अर्थशास्त्र और गणित उनके सब्जेक्ट रहे हैं। अंकिति बताती हैं- एक बार छुट्टियों में वह बैंकॉक गई थीं और वहां के लोगों में फैशन को लेकर गहरा रुझान देखा तो उन्होंने सोचा कि क्यों न इसके लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया जाए। वर्ष 2014 में इस बिजनस की शुरुआत के लिए उन्होंने भारत को नहीं चुना क्योंकि यहां पहले से फ्लिपकार्ट, ऐमजॉन जैसे ऑनलाइन मार्केट के बड़े खिलाड़ी मौजूद थे। एक टीम बनाकर अंकिति बोस ने जब इस नए प्लेटफॉर्म के बारे में रिसर्च किया तो उनको पता चला कि साउथ ईस्ट एशिया की मार्केट उनके लिए सबसे मुफीद हो सकती है। इसके बाद अगले साल 2015 में उनके ‘जीलिंगो’ प्लेटफॉर्म का उदय हुआ।

गौरतलब है कि आज पिचबुक के डेटा के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप कंपनियों की महिला फाउंडर बहुत कम हैं। दुनिया की 239 स्टार्टअप कंपनियों में सिर्फ 23 कंपनियों की फाउंडर महिलाएं हैं, जिनकी बदौतल व्यापार एक बिलियन डोलर तक पहुंचा है। भारतीय महिलाएं आज हर स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे निकलने के लिए सक्रिय हैं। कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं रह गया है, जहां महिलाओं ने खुद को साबित नहीं किया हो। वे बिजनेस के क्षेत्र में भी पुरुष उद्यमियों को टक्कर दे रही हैं। भारत में महिला उद्यमियों की उन्नति को लेकर कार्य करने वाले गैर-लाभकारी संगठन ‘अनिता डॉट ओआरजी’ की भी कमोबेश यही राय है। महिला व्यापारी सफल स्टार्टअप के लिए अपने नए-नए विचारों के साथ आगे आ रही हैं, अच्छी कमाई कर रही हैं।

ये महिलाएं स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को भी अपनी तरह से विकसित करती हुई नए वर्चस्व वाली कंपनियों को भी कॉम्पटीशन में टक्कर दे रही हैं। इसी क्रम में रिचा कार ने लेडीज इनर वियर की ऑनलाइन ई-कॉमर्स कंपनी जिवामे खोलकर एक नई मिसाल कायम की है। मनीषा रायसिंहानी ने एशिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली लोगी नेक्स्ट कंपनी में अपना अहम योगदान दिया है।

इसी तरह कनिका टेकरीवाल ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का डटकर सामना करने के बाद जेटसेटगो की स्थापना कर बाकी लोगों के लिए मिसाल कायम की है। फल्गुनी नायर ने ऑनलाइन मेकअप स्टोर न्याका की स्थापना की है तो नैय्या सग्गी ने बेबी चक्र की स्थापना कर कई माता-पिता की समस्याओं का हल कर दिया है। शुभरा चड्डा ने यूनीक गिफ्ट के लिए ई-कॉमर्स कंपनी चुंबक की शुरुआत की है तो रश्मी दागा ने फ्रेशमेनू की स्थापना कर बाकी लोगों के लिए मिसाल पेश की है। इसी तरह उपासना ताकु ने मोबीक्विक, साइरी चहल ने शीरोस, स्वाती भार्गव ने कैशकरो से आधुनिक उद्योग जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है। 




दुनिया में कम ही लोग कुछ मज़ेदार पढ़ने के शौक़ीन हैं। आप भी पढ़ें। हमारे Facebook Page को Like करें – www.facebook.com/iamfeedy

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Contact

CONTACT US


Social Contacts



Newsletter