कोटा के रहने वाले और मुंबई में बतौर साइंटिस्ट कार्य कर रहे मुर्तजा अली ने शहीदों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में 110 करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की पेशकश की है। इसके लिए उन्होंने पीएमओ में मेल करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है। पीएमओ ने उन्हें दो-तीन दिन में मीटिंग फिक्स करने का जवाब भेजा है। ये राशि वे अपनी टैक्सेबल आय से देंगे। भास्कर से बातचीत में मुर्तजा ने कहा कि पुलवामा अटैक काफी बड़ी घटना है और इसमें देश ने अपने 40 वीर जवान खोए हैं।
सेना और उनके परिवारजनों की किसी तरह से मैं मदद कर सकूं, इसलिए ये राशि राष्ट्रीय राहत कोष में देने का मानस बनाया है। इसके लिए 25 फरवरी को पीएमओ को ई-मेल भेजकर उन्होंने प्रधानमंत्री से मीटिंग के लिए समय मांगा था। इसके जवाब में फंड के डिप्टी सेक्रेटरी अग्नि कुमार दास ने कागजी कार्यवाही के लिए मुर्तजा अली की प्रोफाइल मांगी थी। मुर्तजा ने प्रोफाइल, पैन कार्ड सहित राशि की पूरी डिटेल पीएमओ को भेज दी है। इसके बाद 1 मार्च को वहां से जवाब आया कि दो-तीन दिन में दिन और समय बता दिया जाएगा। मुर्तजा ने बताया कि पीएम से मिलकर उन्हें 110 करोड़ का चेक सौंपेंगे। साथ ही सामाजिक कार्यों के लिए नई योजनाओं व कुछ नई टेक्नोलॉजी के बारे में भी बातचीत करेंगे। मुर्तजा कहते हैं कि हमने फंड में 110 करोड़ रुपए देने के लिए पूरी कागजी कार्रवाई कर रखी है। पीएमओ के निर्देश के अनुसार चेक या डीडी से भुगतान कर देंगे। बस मीटिंग फिक्स होने के ई-मेल का इंतजार कर रहे हैं।
जन्म से ब्लाइंड, कॉमर्स स्टूडेंट और अब कर रहे नए इन्वेंशन
मुर्तजा जन्म से नेत्रहीन हैं और उन्होंने कोटा कॉमर्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। उनका पुश्तैनी बिजनेस ऑटोमोबाइल का था। ब्लाइंड होने के कारण उसमें नुकसान हो रहा था। ऐसे में उन्होंने मोबाइल और डिश टीवी के क्षेत्र में कार्य किया। वर्ष 2010 में वे किसी काम से जयपुर गए। वहां एक पेट्रोल पंप पर जब वे पेट्रोल लेने पहुंचे तो उसी दौरान एक युवक ने मोबाइल रिसीव किया और आग लग गई। इसका कारण जानने के लिए उन्होंने स्टडी शुरू की। इस तरह उन्होंने फ्यूल बर्न रेडियेशन टेक्नोलॉजी का इजाद किया। इस टेक्नोलॉजी के जरिए जीपीएस, कैमरा या अन्य किसी उपकरण के बगैर ही किसी भी वाहन को ट्रेस किया जा सकता है। अब एक कंपनी के साथ करार से उनको अच्छी रकम मिली है।
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