गूगल में कभी नहीं किया अप्लाई, फिर भी मिली 1. 2 करोड़ की नौकरी

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लाखों छात्रों का सपना होता है कि उन्हें गूगल, फेसबुक और माइक्रोसॉफ्ट जैसी शीर्ष वैश्विक कंपनियों में काम करने का मौका मिले. ऐसे में वह IIT में एडमिशन लेने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं और अगर वह IIT में एडमिशन लेने में असफल हो जाते हैं तो उन्हें लगता है कि वह कभी एक बड़ी कंपनी में नौकरी नहीं कर सकते, ऐसे में वह अपना सपना छोड़ देते हैं. लेकिन अब्दुल्ला खान ने ऐसा नहीं किया. वह IIT के छात्र नहीं है फिर उन्हें गूगल ने एक करोड़ रुपये से ज्यादा का पैकेज ऑफर किया है. आइए जानते हैं कौन हैं ये लड़का और कैसे मिली ये नौकरी. अब्दुल्ला खान की उम्र 21 साल की है. वह मुबंई में रहते हैं और इंजीनियरिंग स्टू़डेंट हैं. बता दें, वह सितंबर में 1.2 करोड़ रुपये के सालाना पैकेज पर गूगल के लंदन के ऑफिस में  शामिल होंगे.

खान “श्री एलआर तिवारी इंजीनियरिंग कॉलेज”, मीरा रोड, मुंबई से अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.

गूगल में कभी नहीं किया अप्लाई, फिर भी मिली 1. 2 करोड़ की नौकरी

कमाल की बात ये हैं उन्होंने गूगल की नौकरियों के लिए आवेदन नहीं किया था. कंपनी के द्वारा उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था. जब उन्होंने “प्रतिस्पर्धी प्रोग्रामिंग चुनौतियों” (competitive programming challenges) को होस्ट करने वाली साइट पर खान की प्रोफाइल देखी. जिसके बाद उन्हें गूगल से कॉल आया.

गूगल में कभी नहीं किया अप्लाई, फिर भी मिली 1. 2 करोड़ की नौकरी

“टाइम्स ऑफ इंडिया” की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने  बताया कि गूगल से आया हुआ कॉल की मुझे उम्मीद नहीं थी. ये कॉल मेरे लिए अचानक से आया था.

गूगल में कभी नहीं किया अप्लाई, फिर भी मिली 1. 2 करोड़ की नौकरी

खान ने कहा- जब उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लिया, तो उन्होंने नौकरी की उम्मीद नहीं की, बल्कि मजे के लिए मैंने प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. पिछले नवंबर में उन्हें गूगल की ओर से एक आधिकारिक ईमेल प्राप्त हुआ. जिसके बाद खान की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई.

ईमेल ने उन्हें सूचित किया गया था कि कंपनी ने वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल देखी है और वे पूरे यूरोप के लोगों की तलाश कर रहे हैं. इसके बाद कुछ ऑनलाइन इंटरव्यू हुए. जिसके बाद फाइनल स्क्रीनिंग के लिए लंदन में Google के कार्यालय में गए.

बता दें, खान को कोडिंग में मजा आता है. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सऊदी अरब से पूरी की है.  वह अपनी कक्षा 12 के बाद मुंबई चले गए और आईआईटी पास करने की कोशिश की, लेकिन नहीं कर पाए. लेकिन उनके इस सफर में ये जानने का मौका मिलता है कि इंसान को मौका उनके हूनर से मिलता है न की किसी बड़े संस्थान में पढ़ाई करने से. बता दें खान सितंबर में लंदन में गूगल की साइट “विश्वसनीयता इंजीनियरिंग”,  (reliability engineering) टीम में शामिल होंगे




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