लाखों प्रवासी मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर रहे हैं, ताकि घर पहुंच सकें. हर दिन सोशल मीडिया और मीडिया में ऐसी तस्वीरें और वीडियो आ रहे हैं, जो रुला देने वाले हैं. हालांकि केंद्र सरकार और राज्य सरकारों का दावा है कि मजदूरों के घर लौटने के लिए ट्रेन और बसें चलाई जा रही हैं. लेकिन सबको ये सुविधा नसीब नहीं हो रही है.
आंध्र प्रदेश में फंसे प्रवासी मजदूर भी ट्रेन और बस नहीं मिलने के कारण पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े हैं. 15 मई को कुछ मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर दूर घर जा रहे थे. चेन्नई-कोलकाता हाइवे पर इनकी मुलाकात आंध्र प्रदेश की चीफ सेक्रेटरी नीलम साहनी से हुई. उन्होंने इन मजदूरों के घर जाने और खाने-पीने का इंतजाम किया.
क्या है मामला?
हर दिन की तरह आंध्र प्रदेश की चीफ सेक्रेटरी नीलम साहनी सीएम जगनमोहन रेड्डी से मीटिंग के लिए उनके घर गई थीं. मीटिंग खत्म करने के बाद वो लौट रही थीं. रास्ते में उन्होंने देखा कि प्रवासी मजदूरों का एक ग्रुप चेन्नई को कोलकाता से जोड़ने वाले हाइवे पर पैदल ही चला जा रहा है. उन्होंने अपनी सिक्योरिटी को काफिला रोकने को कहा. कार से उतरीं और बिना अपनी पहचान उजागर किए उन्होंने मजदूरों से बात की. उनकी समस्या सुनी.
मजदूरों ने बताया कि पैसा खत्म हो गया है, इसलिए वो पैदल ही चेन्नई से बिहार जा रहे हैं. ये जानने के बाद उन्होंने तुरंत गुंटूर जिले के संयुक्त कलेक्टर और कृष्णा जिले के कलेक्टर को श्रमिकों के घर जाने और उनके खाने-पीने की व्यवस्था करने को कहा. उन्होंने ये भी आदेश दिया कि अगली ट्रेन से इन मजदूरों को बिहार भेजा जाए.
आईएएस अधिकारी नीलम साहनी नवंबर में आंध्र प्रदेश की मुख्य सचिव बनी थीं. वह विभाजित आंध्र प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम ने उनके कार्यकाल को बढ़ाने की मांग केंद्र से की है. 1984 बैच की आईएएस अधिकारी नीलम इससे पहले सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के सचिव पद पर तैनात थीं. नीलम के पति अजय साहनी भी आईएएस अधिकारी हैं.
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