फिल्मों में आने से पहले करते थे वेटर का काम, संघर्ष भरी रही है 3 इडियट्स के ‘वायरस’ की जिंदगी

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फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस हो या 3 इड‍ियट्स, लीड रोल में भले ही संजय दत्त और आमिर खान नजर आए लेक‍िन इनमें जो एक्टर दिल जीत गया वो थे बोमन ईरानी. 2 दिसंबर को बोमन अपना 61वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस खास मौके पर आइए बोमन के बारे में जानें कुछ दिलचस्प बातें.

बोमन को बचपन से ही फिल्मों का शौक रहा है. वे स्कूल के बाद फिल्म देखने जाया करते थे, लेक‍िन कभी सोचा नहीं था कि वे खुद ही सिनेमा जगत के स्टार बन जाएंगे. जन्म से पहले ही बोमन के पिता चल बसे थे. उनकी मां ने उन्हें पाल-पोषकर बड़ा किया. बोमन ने एक समय पर घर की बेकरी शॉप में भी काम संभाला है.

एक ईरानी जोरास्ट्र‍ियन पर‍िवार में जन्में बोमन ने सेंट मैरी स्कूल से अपनी स्कूलिंग की थी. इसके बाद उन्होंने मुंबई स्थ‍ित मीठीबाई कॉलेज से वेटर का पॉलिटेक्न‍िक डिप्लोमा कोर्स किया. कोर्स पूरा करने के बाद बोमन ने ताज महल पैलेस एंड टावर में एक वेटर के तौर पर काम करना शुरू किया.

यहां बोमन ने दो साल तक वेटर और रूम सर्व‍िस का काम संभाला. काम के प्रति उनकी लगन और ईमानदारी देख उन्हें प्रमोशन दिया गया. इसके बाद उन्होंने फ्रेंच रेस्टॉरेंट Rendezvous में भी वेटर का काम किया.

ताज पैलेस में काम करने के दौरान बोमन कस्टमर्स द्वारा दिए गए ट‍िप्स इकट्ठे करते रहते थे. इन पैसों से उन्होंने कैमरा लिया और स्कूल के क्रिकेट-फुटबॉल मैच की फोटोज लिया करते थे. वे इन फोटोज को 20-30 रुपये में बेचते थे. सात साल की कमाई जमा कर बोमन ने फैमिली वेकेशन का ट्र‍िप भी प्लान किया. वे अपने पर‍िवार को ऊटी लेकर गए थे, लेक‍िन कम पैसों की वजह से उन्हें छोटे-मोटे होटल में कमरा मिला.

वेटर का काम और फोटोग्राफी करने के बाद बोमन ने साल 2000 में फिल्मों की ओर रुख किया. उन्होंने फिल्म डरना मना है में छोटा सा रोल निभाया. इस फिल्म में बोमन को बहुत ही कम स्क्रीन स्पेस मिला लेक‍िन उनके काम को नोट‍िस किया गया और फिर बोमन के अच्छे दिन शुरू हो गए.

डरना मना है से पहले बोमन ईरानी, एवरीबडी सेज आई एम फाइन और लेट्स टॉक में नजर आए थे. इसके बाद 2003 में बूम में वे दोबारा दिखे. बूम के बाद बोमन को फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस में डॉ. जेसी अस्थाना का रोल मिला. इस रोल में बोमन ने दर्शकों का दिल जीत लिया.

उन्हें इस फिल्म के लिए स्क्रीन वीकली में अवॉर्ड फॉर बेस्ट परफॉर्मेंस इन कॉम‍िक रोल से नवाजा गया. तीन साल बाद 2006 में आई लगे रहो मुन्नाभाई में भी बोमन नजर आए, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर का बेस्ट विलेन अवॉर्ड दिया गया.

2009 में आई फिल्म 3 इड‍ियट्स में भी बोमन का काम बेहद सराहा गया था. इस फिल्म में उन्होंने वीरु सहस्त्रबुद्धे उर्फ ‘वायरस’ का बेहतरीन किरदार निभाया था. इस रोल के लिए आज भी बोमन को याद किया जाता है. 3 इड‍ियट्स के लिए बोमन को 3 अवॉर्ड मिले. उन्हें स्टार स्क्रीन अवॉर्ड फॉर बेस्ट विलेन, फिल्मफेयर अवॉर्ड फॉर बेस्ट सपोर्ट‍िंग एक्टर और आईफा अवॉर्ड फॉर बेस्ट परफॉर्मेंस इन निगेट‍िव रोल से नवाजा गया.

बोमन कई हिट फिल्मों का हिस्सा रहे हैं. इनमे मैं हूं ना, लक्ष्य, वीर-जारा, पेज-3, वक्त-द रेस अगेन्स्ट टाइम, नो एंट्री, ब्लफमास्टर, डॉन, हनीमून ट्रैवल्स, हे बेबी, दोस्ताना आद‍ि शामिल है.

 




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