केंद्रीय वित्तमंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि अब देश में डिजिटल जनगणना होगी, जो ऐतिहासिक कदम होगा. इसके लिए वित्तमंत्री ने बाकायदा 3750 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन भी किया. देश में पहली बार जनगणना के लिए पांरपरिक कागज और कलम के बजाय इस बार की जनगणना इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (मोबाइल एप) के जरिए की जाएगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने देश में होने वाली जनगणना को लेकर बड़ा ऐलान किया. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि अब देश में डिजिटल जनगणना होगी, जो ऐतिहासिक कदम होगा. इसके लिए वित्तमंत्री ने बाकायदा 3750 करोड़ रुपए का आवंटन भी किया. देश में पहली बार जनगणना के लिए पांरपरिक कागज और कलम के बजाय इस बार की जनगणना इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (मोबाइल एप) के जरिए की जाएगी.
बता दें कि भारत में होने वाली जनगणना दुनिया में सबसे ज्यादा डाटा एक्सरसाइज वाली होगी. जनगणना में न सिर्फ लोगों की आबादी गिनी जाएगी, बल्कि लोगों के सामाजिक आर्थिक डाटा भी इकट्ठा किए जाएंगे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल ही राजधानी दिल्ली में जनगणना भवन की आधारशिला रखने के दौरान ही कहा था कि डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए 2021 की जनगणना मोबाइल ऐप के जरिए की जाएगी. इस मोबाइल ऐप में डिजिटल तरीके से आंकड़े उपलब्ध होंगे.
डिजिटल जनगणना के लिए 31 लाख से अधिक प्रशिक्षित कर्मचारी लगाए जाएंगे. इस दौरान देश भर में लोगों के डाटा कलेक्शन एंड्राइड बेस्ड स्मार्टफोन्स के द्वारा एकत्रित किया जाएगा. जनगणना में जनसंख्या, उसमें महिला-पुरुष का अनुपात, जाति, शिक्षा का स्तर, उम्र, जन्म-मृत्यु, लोगों के घरों के स्थिति (कच्चा-पक्का), पलायन, व्यवसाय, आदि का ब्योरा होगा. जनगणना से संबंधित डाटा साल 2024-25 तक देश को उपलब्ध हो सकेगा.
बता दें कि देश की आजादी के बाद पहली बार 1951 में जनगणना हुई थी, जिसके बाद हर दस साल के अंतराल पर देश में जनगणना होती है. 2011 की जनगणना के बाद अब मौका डिजिटल जनगणना का होगा. जनगणना में सिर्फ लोगों की गिनती नहीं होती है बल्कि, सारा ब्योरा होता है. गुणवत्तापूर्ण आंकड़ों के लिए इस बार बजट में डिजिटल जनगणना का ऐलान किया गया है, जिसके लिए वित्तमंत्री ने 3750 रुपये का ऐलान किया है.
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