आज फिरोज गांधी की 106वीं जयंती है. उनका जन्म 12 सितंबर 1912 में हुआ था. वह प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और लोकसभा के प्रभावशाली सदस्य थे. वे भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पति थे. अगस्त, 1942 में ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ में फिरोज गांधी कुछ समय तक भूमिगत रहने के बाद गिरफ्तार कर लिए गए थे. रिहा होने के बाद 1946 में उन्होंने लखनऊ के दैनिक पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ के प्रबंध निर्देशक का पद संभाला. आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें..
स्वतंत्रता सेनानी फिरोज गांधी का जन्म 12 सितंबर, 1912 को मुंबई एक पारसी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम जहांगीर और माता का नाम रतिमाई था. साल 1915 में वे अपनी मां के साथ इलाहाबाद में कार्यरत एक संबंधी महिला के पास आ गए. इस प्रकार उनकी आरंभिक शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद में हुई. इलाहाबाद उन दिनों स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों का केंद्र था. युवक फिरोज गांधी इसके प्रभाव में आए और नेहरू परिवार से भी उनका संपर्क हुआ. उन्होंने 1928 में साइमन कमीशन के बहिष्कार में भाग लिया और 1930-1932 के आंदोलन में जेल की सजा काटी. फिरोज गांधी 1935 में आगे के अध्ययन के लिए लंदन गए और उन्होंने ‘स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स’ से अंतर्राष्ट्रीय कानून में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
कैसा था राजनीति सफर
अगस्त, 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में फिरोज गांधी कुछ समय तक भूमिगत रहने के बाद गिरफ्तार कर लिए गए. रिहा होने के बाद 1946 में उन्होंने लखनऊ के दैनिक पत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ के प्रबन्ध निर्देशक का पद संभाला. साल 1952 के प्रथम आम चुनाव में वे लोकसभा के सदस्य चुने गए. इसके बाद उन्होंने लखनऊ छोड़ दिया. कुछ साल वे और इंदिरा, नेहरू जी के साथ रहे. इंदिरा जी का अधिकांश समय प्रधानमंत्री पिता की देख-रेख में बीतता था. 1956 में फिरोज गांधी ने प्रधानमंत्री निवास में रहना छोड़ दिया और वे सांसद के साधारण मकान में अकेले ही रहने लगे.
इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी
इंदिरा ने अपने पिता जवाहरलाल नेहरू की मर्जी के खिलाफ फिरोज गांधी से शादी की थी. दोनों की लवस्टोरी बहुत चर्चित रही. कहते हैं कि दोनों की मुलाकात 1930 में हुई थी. आजादी की लड़ाई में इंदिरा की मां कमला नेहरू एक कॉलेज के सामने धरना देने के दौरान बेहोश हो गई थीं. उस समय फिरोज गांधी ने उनकी बहुत देखभाल की थी. कमला नेहरू का हालचाल जानने के लिए फिरोज अक्सर उनके घर जाते थे. इसी दौरान उनके और इंदिरा गांधी के बीच नजदीकियां बढ़ीं. फिरोज जब इलाहाबाद में रहने लगे उस दौरान वो आनंद भवन जाते रहते थे.
फिरोज से इंदिरा की शादी 1942 में हुई. लेकिन जवाहर लाल नेहरू इस शादी के खिलाफ थे. हालांकि महात्मा गांधी के हस्तक्षेप के बाद दोनों की शादी इलाहाबाद में हुई. फिरोज को बापू ने अपना सरनेम भी दिया. भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इंदिया और फिरोज साथ में जेल भी गए. हालांकि शादी के बाद दोनों के बीच काफी लड़ाइयां हुईं.
1949 में इंदिरा दोनों बच्चों (राजीव और संजय गांधी) के साथ अपने पिता का घर संभालने के लिए फिरोज को छोड़कर चली गईं जबकि संजय लखनऊ में ही रहे. यहीं से फिरोज ने नेहरू सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया और कई बड़े घोटालों को उजागर किया. बाद के सालों में फिरोज गांधी की तबीयत खराब होने लगी. उस दौरान उनकी देखभाल के लिए इंदिरा गांधी मौजूद थीं. 8 सितंबर, 1960 को हार्ट अटैक से फिरोज गांधी का निधन हो गया था.
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