हेल्थ-टिप्स

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adminJune 26, 20211min00

क्‍या स्‍प्राउट्स को कच्‍चा खाना चाह‍िए? अंकुर‍ित मूंग या स्‍प्राउट्स के फायदों के बारे में हम सब जानते हैं पर इसे कच्‍चा खाने से कई समस्‍याएं हो सकती हैं जैसे- पेट में दर्द, पेट में ऐंठन, उल्‍टी, डायर‍िया आद‍ि। कच्‍चे स्‍प्राउट्स का सेवन करने से पहले आपको अपने डॉक्‍टर से सलाह जरूरी लेनी चाह‍िए। अगर आप स्‍प्राउट्स का सेवन कर रहे हैं तो कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िए जैसे स्‍प्राउट्स को फ्र‍िज में स्‍टोर करें, स्‍प्राउट्स को धोकर खाएं, केवल कुरकुरे स्‍प्राउट्स ही खरीदें। अगर स्‍प्राउट्स का रंग काला हो या उनसे स्‍मेल आ रही हो तो स्‍प्राउट्स का इस्‍तेमाल न करें।

कच्‍चे स्‍प्राउट्स के सेवन से क्‍यों बचना चाह‍िए?
अंकुर‍ित मूंग को गरम और ह्यूम‍िड तापमान म‍िलने के कारण उसमें बैक्‍टीर‍िया पनप जाते हैं इसल‍िए उन्‍हें कच्‍चा खाने की सलाह नहीं दी जाती है और हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं इसल‍िए हम स्‍प्राउट्स से होने वाले नुकसान को नजरअंदाज नहीं कर सकते। अकैडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स के शोध के मुताब‍िक स्‍प्राउट्स में नमी के कारण ई कोली, ल‍िस्‍टेर‍िया जैसे बैक्‍टीर‍िया मौजूद होते हैं और ये हमारे शरीर में बीमारी फैलाने का काम करते हैं। स्‍प्राउट्स में मौजूद साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया, टायफाइड का कारण बन सकता है। लिस्टीरिया बैक्‍टीर‍िया से क‍िडनी से जुड़ी समस्‍या हो सकती है वहीं ई कोली बैक्‍टीर‍िया से यूटीआई का खतरा रहता है।

स्‍प्राउट्स को पौष्‍ट‍िक से होने वाले नुकसान
अगर आप ज्‍यादा स्‍प्राउट्स खा लेंगे तो आपके पेट में दर्द हो सकता है। कच्‍चे स्‍प्राउट्स खाने से डायर‍िया हो सकता है। डॉ स्‍म‍िता सिंह ने बताया क‍ि कच्‍चे स्‍प्राउट्स खाने से कुछ लोग पेट में ऐंठन की श‍िकायत करते हैं। ज्‍यादा अंकुर‍ित मूंग खाने से उल्‍टी की समस्‍या हो सकती है। गैस्ट्रिक अल्सर के मरीज हैं तो आपको डॉक्‍टर से सलाह लेकर ही स्‍प्राउट्स का सेवन करना चाह‍िए। कुछ डॉक्‍टर्स मानते हैं क‍ि स्‍प्राउट्स खाने से फूड पॉइजन‍िंग हो सकती है। स्‍प्राउट्स खाने से फूड पॉइजन‍िंग होने पर आपको 12 से 72 घंटे में आपको डायर‍िया, पेट दर्द, उल्‍टी की श‍िकायत हो सकती है। छोटे बच्‍चे, गर्भवती मह‍िलाओं और बूढ़े लोगों को स्‍प्राउट्स को अच्‍छी तरह से पकाकर ही खाना चाह‍िए, अन्‍यथा अवॉइड करें।

स्‍प्राउट्स खाते समय कुछ बातों का ध्‍यान रखना चाह‍िए
अगर आप मूंग स्‍प्राउट्स खा रहे हैं तो उसे अच्‍छी तरह से पका लें, ताक‍ि अंदर कोई बैक्‍टीर‍िया मौजूद न रहे। आपको ऐसे स्‍प्राउट्स नहीं खाने चाह‍िए जो द‍िखने में काले हों या ज‍िनसे स्‍मेल आ रही हो। कुरकुरे द‍िखने वाले स्‍प्राउट्स के दानों को खाने के ल‍िए चुनें। स्‍प्राउट्स का इस्‍तेमाल करने से पहले आपको हमेशा अपने हाथों को अच्‍छी तरह से साफ करना है ताक‍ि बैक्‍टीर‍िया आपके हाथों पर न च‍िपके। फ्र‍िज के तापमान पर रखे हुए स्‍प्राउट्स की बाजार से खरीदें और उन्‍हें लाकर भी आप फ्र‍िज में रख दें। स्‍प्राउट्स को खरीदकर ज्‍यादा समय के ल‍िए न रखें, इन्‍हें धोकर उबाल लें और जल्‍दी इस्‍तेमाल कर लें। स्‍प्राउट्स रखने के ल‍िए फ्र‍िज का तापमान 48 ड‍िग्री या 8 ड‍िग्री सेल्‍श‍ियस होना चाह‍िए। अगर स्‍प्राउट्स कुरकुरे न हों या उनकी एक्‍सपायरी डेट करीब हो तो उसे न खाएं।


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adminJune 23, 20211min00

सेहत के लिए ड्राई फ्रूट्स खाना काफी फायदेमंद साबित होता है। सेहत के लिहाज से शहद और किशमिश को स्वस्थ आहार माना गया है। इन दोनों का सेवन एक साथ करने से शरीर को मिलने वाले फायदे दुगने हो जाते हैं। इन दोनों में ही कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं। इससे आपकी शरीर में होने वाले कैंसर की भी आशंका काफी कम हो जाती है। यही नहीं इनका सेवन एक साथ करने से शारीरिक कमजोरी दूर होने के साथ ही शरीर का दुबलापन भी दूर होता है। यह आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही आपकी हड्डियों के लिए भी किसी औषधि से कम नहीं है। इनका सेवन पुरुषों की सेक्शुअल समस्याएं दूर करने के लिए भी काफी कारगर माना जाता है। किशमिश आपकी शरीर में आयरन की मात्रा को भी पूरा करता है। चलिए जानते हैं किशमिश और शहद साथ में खाने से होने वाले कुछ फायदों के बारे में।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल करे
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने के लिए किशमिश और शहद दोनों को ही काफी फायदेमंद माना जाता है। इन दोनों में ही पोटैशियम की मात्रा पाई जाती है। आप जितना पोटैशियम खाते हैं उतना ही सोडियम आप यूरीन के जरिए निकालते हैं। पोटैशियम आपके ब्लड वेसल्स में तनाव को कम करता है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर कम होता है। साथ ही शहद में एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा भी पाई जाती है, जो आपका ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहाय क माने जाते हैं।

आयरन लेवल बढ़ाए
किशमिश आयरन का बहुत अच्छा स्त्रोत है। साथ ही इसमें कॉपर, विटामिन बी 6, मैगनीशियम और पोटैशियम की मात्रा पाई जाती है, जो खून बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है। वहीं बात करें अगर शहद की तो इसमें आयरन, कॉपर और मैंगनीज पाया जाता है। जो आपका हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मददगार होता है। इसलिए किशमिश और शहद एक साथ खाने से आपको एनीमिया का खतरा कम होता है। इससे आपकी शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है।

हड्डियों के लिए अच्छा
किशमिश और शहद साथ में खाने से आपकी हड्डियों से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो सकती हैं। किशमिश में एक अलग तरह का कैल्शियम पाया जाता है, यह दूध में पाए जाने वाले कैल्शियम से अलग होता है इसका नाम बोरोन है। यह बोन हेल्थ बढ़ाने में काफी मददगार होता है। इससे ओस्टियोपोरोसिस के खतरे को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है। वहीं शहद खाने से एनर्जी मिलने के साथ ही शरीर की थकान भी दूर होती है। शहद और किशमिश एक साथ खाने से आपकी शारीरिक कमजोरी काफी हद तक कम हो जाती है।

वजन बढ़ाने में मददगार
वजन बढ़ाने के लिए किशमिश और शहद का सेवन साथ में करना एक बेहतर विकल्प है। किशमिश में अधिक मात्रा में कैलोरी होती है, जो वजन बढ़ाने में मददगार होती हैं। वहीं शहद में भी शुगर की अधिक मात्रा पाई जाती है, जिससे आपकी भूख बढ़ती है और धीरे-धीरे वजन में भी वृद्धि होती है। 100 ग्राम किशमिश में लगभग 250 से 300 कैलोरी पाई जाती है। किशमिश और शहद साथ में खाने से आप कुछ ही समय में अपने दुबले शरीर को एक आकर्षक लुक दे सकते हैं।

कमजोरी दूर करे
अगर आप शरीर में कमजोरी महसूस करते हैं तो किशमिश और शहद का सेवन कर सकते हैं। इनका सेवन साथ में करने से आपकी शारीरिक कमजोरी आसानी से दूर हो सकती है। शहद में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो आपको इंसटेंट एनर्जी प्रदान करता है। वहीं किशमिश में ग्लूकोज और प्राकृतिक फ्रुक्टोज पाया जाता है, जिसका सेवन आपको सारा दिन उर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए आप कमजोरी दूर करने के लिए इसका सेवन रोजाना भी कर सकते हैं।

प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम करे
केवल किशमिश ही नहीं बल्कि शहद में भी कैंसर रोधी मौजूद होते हैं, जो पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को काफी हद तक कम करते हैं। इसपर हुए एक शोध की मानें तो किशमिश के साथ शहद का सेवन करने से प्रोस्टेट कैंसर से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है। इसलिए आप भी चिकित्सक की सलाहनुसार इनका सेवन कर सकते हैं।

कैसे करें सेवन

  • किशमिश और शहद को खाने के लिए आपको कुछ खास मेहनत करने की जरूरत नहीं है।
  • सबसे पहले किशमिश को अच्छे से साफ कर लें। आप चाहें तो भीगे हुए किशमिश का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • इनकी मात्रा के लिए आप किसी डायटीशियन से सलाह ले सकते हैं।
  • इसे खाने के लिए आप किसी बर्तन में जरूरत के अनुसार शहद लें और इसमें किशमिश डाल दें।
  • अब इसे अच्छे से मिला लें। यह दोनों अपने आप में पोषक तत्वों से समृद्ध हैं, इसलिए इसमें कुछ अलग से मिलाने की आवश्यकता नहीं है।
  • अब आप इसका सेवन कर सकते हैं।

किशमिश और शहद का सेवन साथ में करने से आप कई समस्याओं से राहत पा सकते हैं। अगर आप इसका सेवन प्रोस्टेट कैंसर या किसी गंभीर बीमारी से बचने के लिए कर रहे हैं तो एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर लें।


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June 13, 20201min00

मानव शरीर के विकास के लिए आवश्यक तत्वों में विटामिन D का विशेष महत्व है । शरीर के लिए जरुरी विटामिन D का लगभग 80% सूर्य से तथा 20% बादाम, दुध, अंडा , मछली आदि से प्राप्त होता है । शहरों में रहने वाले करीब 70 से 80 प्रतिशत लोग विटमिन D की कमी से होने वाली समस्याओं से जूझ रहे हैं। ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं होती कि विटामिन D को सूर्य स्नान करके धुप से मुफ्त में प्राप्त किया जा सकता है ।कई लोग इस बात को मानने को तैयार नहीं होते कि धूप न सेंकने की वजह से भी वे बीमार पड़ सकते हैं। सूर्य स्नान से प्राप्त विटमिन D शरीर को मजबूती देने वाली हड्डियों के लिए तो महत्पूर्ण है ही इसके आलावा यह कई दूसरी बीमारियों से भी बचाता है।

सूर्य स्नान का महत्व

पृथ्वी पर उपस्थित प्रत्येक जड़  एवं चेतन प्रकृति के लिए सूर्य की ऊर्जा का विशेष महत्व है । जिस प्रकार सूर्य की किरणों से पेड़ पौधे अपना विकास करते है उसी प्रकार मनुष्य के स्वस्थ शारीरिक विकास में सूर्य का बड़ा महत्व है । वैदिक और पौराणिक काल से हिंदू धर्म में सूर्य का आध्यात्मिक महत्व रहा है। प्राचीन ग्रंथ अथर्व-वेद के अनुसार जो व्यक्ति सूर्योदय के समय सूर्य की किरणों का सेवन करता है, उसे कभी कोई रोग  नहीं होता हैं। किन्तु वर्तमान में विज्ञान ने भी यह सिद्ध किया है कि मनुष्य के शरीर को लम्बे समय तक स्वस्थ एवं चलायमान बनाने के लिए कुछ समय धुप स्नान या सूर्य स्नान करना अत्यंत लाभकारी है ।

सूर्य स्नान कब और कैसे करे-

  • सूर्य स्नान केवल सुबह के समय करना चाहिए, क्योंकि उस वक्त की सूर्य की गर्मी सहनीय होती है और शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाती। लेकिन सर्दियों में आप धूप किसी भी समय ले सकते हैं।
  • सूर्य स्नान करते समय ध्यान रखे कि सूर्य की किरणें सीधी सिर पर नहीं पड़े ।
  • सूर्य स्नान 10 से लेकर 30 मिनिट तक कर सकते है ।
  • व्यायाम, योग व टहलते हुए भी सूर्य स्नान कर सकते है ।
  • सुबह जंहा धुप हो एसे स्थान पर कम एवं हलके कपड़ों में सूर्य की तरफ पीठ कर इस तरह बैठे की अधिक से अधिक धूप अपनी रीढ़ की हड्डी तक पहुंचे । छाती के बल लेटकर भी सूर्य स्नान कर सकते है।
  • तेल मालिश करके भी सूर्य स्नान कर सकते है। इससे शरीर में स्फूर्ति के साथ ही त्वचा में चमक भी आती है।
  • सूर्य स्नान के बाद कुछ समय छांव में टहलना या फिर पानी से स्नान करना चाहिए।

सूर्य स्नान के लाभ-

  • सूर्य स्नान शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) बढ़ाता है।
  • सूर्य स्नान करते समय हमारे शरीर में विटामिन D का निर्माण स्वत: शुरू हो जाता है इससे रक्‍त में कैल्शियम, फास्‍फोरस तथा लौह तत्‍व की मात्रा बढ़ती है। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। जो लोग धूप का सेवन बराबर करते हैं, उनकी हड्डियां पूरी उम्र मजबूत रहती हैं और शरीर को कई रोगों से लड़ने की क्षमता मिलती है।
  • सूर्य स्नान से हमारे स्नायुमंडल को शक्ति मिलती है। इससे चर्मरोग एवं गठिया में लाभ मिलता है, उच्च रक्तचाप में कमी आती है और दिल के दौरे तथा स्ट्रोक का खतरा  भी कम हो जाता है ।
  • यह कैंसर को रोकने में मदद करता है।

सूर्य स्नान के समय रखने वाली सावधानी-

  • सूर्य स्नान करते समय आपके सिर एवं आँखों पर छाया हो इसके लिए आप आँखों पर कला चश्मा तथा सिर पर गिला तकिया रख सकते है ।
  • यदि सूर्य की किरणें तेज लगे व सहन न हो तो धुप से हट जावें ।
  • सूर्य स्नान के कुछ समय बाद सादे पानी से नहाये ।
  • सूर्य स्नान का समय धीरे धीरे बढ़ाये ।
  • यदि सूर्य के सामने बैठने पर चक्कर आवें तो डॉक्टर से मिले ।

इसे भी पढ़े –जिम या योगा क्या है आपके लिए बेस्ट ?


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May 16, 20201min00

जिम या योगा को लेकर अलग अलग हेल्थ एक्सपर्ट कि अलग अलग राय है ! एक और जहाँ जिम में मशीनों कि सहायता से शरीर कि मांसपेशियों को बलिष्ठ स्वरुप दिया जाता है वहीं दूसरी ओर योग में शरीर के भार का उपयोग करके विभिन्न आसनों के द्वारा शरीर को लचीला और सम्पूर्ण स्वस्थ बनाया जाता है ! योग तनाव को कम करता है साथ ही मन और आत्मा को बलिष्ठ बनता है !

योग को सिर्फ एक शारीरिक व्या याम ही नहीं है। दरअसल, योग से सिर्फ शरीर, मांसपेशियों व हड्डियों की कसरत ही नहीं होती, बल्कि इससे आंतरिक अंगों और शरीर की अपने-आप चलने वाली प्रणालियों की भी कसरत होती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे उन चीजों को भी अपने वश में किया जा सकता है, जिस पर अमूमन हमारा कोई जोर या अधिकार नहीं होता। दूसरे शब्दों में यह कुछ ऐसा ही जैसे आप अपनी शारीरिक प्रणाली पर इतनी कुशलता हासिल कर लें कि आपके भीतर जो चीज अनजाने में और जबरदस्ती हो रही है, वह धीरे-धीरे सचेतन होने लगे। यह जीवन में होश और जागरूकता पैदा करता है।

जिम में एक्सरसाइज करते समय और जिम बंद कर देने के बाद भी शारीर को नुकसान हो सकता है ! जिम में शारीर कि क्षमता से अधिक वर्क आउट करते समय हार्ट बिट्स बड जाती है जिससे सिने, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द हो सकता है ! जिम में बंद कमरे में एक्सरसाइज कि जाती है फलस्वरूप वंहा ऑक्सीजन कि कमी हो सकती है, धुप न मिलने से शरीर में विटामिन D कि कमी हो सकती है ! साथ ही एक ही मशीन पर कई लोग एक्सरसाइज करते है इस स्थिति में एक दुसरे के पसीने से इन्फेक्शन फेलने का डर बना रहता है ! इसे भी पढ़े –सूर्य स्नान करके मुफ्त में पाए शरीर के लिए विटामिन D

कई बार जिम के द्वारा जल्दी शरीर बनाने के चक्कर में एक्स्ट्रा हेल्थ सप्लीमेंट ले लिए जाते है इससे आप के शरीर में नुकसान भी हो सकता है ! जिम जाने से हमारी मांसपेशियों को वर्क आउट कि आदत हो जाती है और यदि किसी कारण से जिम बंद करना पड़ा तो कुछ समय के बाद शरीर के जोड़ों में दर्द हो सकता है ! साथ ही आप का वजन तेजी से बड़ने लगता है ! आपका स्टेमना कम होने लगता है ! मसल्स कमजोर तथा ढीले हो जाते है ! शरीर का आलस बड जाता है ! इन वजहों से आप तनाव में आ सकते है ! मानसिक शांति भंग हो सकती है !

वहीँ हम योग कि बात करे तो योग सिर्फ एक शारीरिक व्या याम ही नहीं है। दरअसल, योग से सिर्फ शरीर, मांसपेशियों व हड्डियों की कसरत ही नहीं होती, बल्कि इससे आंतरिक अंगों और शरीर की अपने-आप चलने वाली प्रणालियों की भी कसरत होती है। योग में व्यायाम करने के लिए अपने शरीर के वजन का ही इस्तेमाल किया जाता है। इससे आपको कोई बहाना भी नहीं मिलेगा कि आपके आसपास कोई जिम नहीं है। आप जहां भी हैं, वहीं व्यायाम कर सकते हैं। आपका शरीर तो आपके साथ है ही इसे खुले में छत पर कर सकते है जंहा हमें धुप के द्वारा विटामिन D और ऑक्सीजन दोनों पर्याप्त मात्रा में मिल जाते है !

योग के आसनों को नेचुरल तरीके से आगे पीछे झुक कर या अंगो को मोड़ करे शरीर के ही भार द्वारा करते है ! जो शरीर को लाभ पहुचाते है ! जिम में तेज संगीत बजाते है जिसे आक्रामकता बडती है वही योग से मन में शांति का अनुभव होता है !

उपरोक्त से हम निष्कर्ष निकाल सकते है कि यदि आप सिर्फ हेल्दी दिखना चाहते है या मसल्स बनाना चाहते है तो बेशक जिम जाये किन्तु आप शरीर को फिट रखना चाहते है साथ ही मन को भी स्वस्थ और फिट रखना हे तो सिर्फ योग करे !

 

 



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