विकिपीडिया (Wikipedia), दुनिया का सबसे बड़ा वॉलेंटियर-मेड ऑनलाइन एनसाइक्लोपीडिया है। 55 मिलियन आर्टिक्ल्स के साथ, विकिपीडिया इंटरनेट पर 13 वां सबसे अधिक देखा जाने वाला स्थान है। बहुत से लोगों को यह पता नहीं है, लेकिन विकिपीडिया भी 300 अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध है, जिसमें अंग्रेजी के अलावा हिंदी भी शामिल है।
विडंबना यह है कि भले ही दुनिया में कुल 34.1 करोड़ हिंदी भाषी हैं, लेकिन विकिपीडिया पर हिंदी भाषा में केवल 1.4 लाख पेज ही उपलब्ध हैं। यही वो बात थी जो राजस्थान के जोधपुर के राजू जांगिड़ को अखर गई और उन्होंने विकिपीडिया (हिंदी) एडिटर बनने की ठानी, लेकिन उनका ये सफर इतना आसान नहीं था।
गरीबी से रहा नाता
राजू जांगिड़ राजस्थान में जोधपुर जिले के ठाडिया गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता बुजुर्ग किसान हैं और मां गृहणी है। मध्यम-वर्गीय परिवार में राजू की पांच बड़ी बहनें और दो भाई भी हैं। राजू ने कक्षा 10 वीं तक पढ़ाई की और बाद में परिवार की खराब आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उनका सपना क्रिकेटर बनने का था, लेकिन वो भी पैसों की कमी के कारण पूरा नहीं हो सका।
परिवार की आर्थिक मदद करने के लिये राजू पुणे में कारपेंटर की नौकरी करने के लिये चले गए। इसी के साथ उन्होंने विकिपीडिया पर हिंदी पेजों को एडिट करना शुरू किया। इतना ही नहीं, कारपेंटर की नौकरी के साथ विकिपीडिया पर पेज एडिट करते हुए राजू ने अपनी आगे की पढ़ाई भी शुरू की। उन्होंने 12 वीं पास करने के बाद बी. ए. पास किया।
विकिपीडिया से पहली मुलाकात विकिपीडिया पर अपनी शुरूआत के बारे बात करते हुए राजू बताते हैं, “पहली बार मैंने बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के बारे में गूगल पर सर्च किया तो मुझे पहला लिंक विकिपीडिया का ही मिला। उसके बाद मैं जब भी किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु के बारे में सर्च करता तो मेरी सर्चिंग इसी पर खत्म होती, बस यहीं से मेरी दिलचस्पी इसमें और बढ़ने लगी। इसके बाद मैंने विकिपीडिया के इतिहास के बारे में, पेज क्रिएटर्स, कंट्रीब्यूटर्स, एडिटर्स आदि के बारे में अहम जानकारियां जुटाई।”
क्या थी चुनौतियां
राजू ने जब विकिपीडिया पर कंटेंट एडिटिंग की शुरूआत की तब वह महज दसवीं पास थे और बतौर कारपेंटर पुणे में नौकरी करते थे। हालाँकि, राजू का पेशा विकिपीडिया के प्रति उनकी रुचि को कम नहीं कर सका और उन्होंने इंटरनेट पर अपने गाँव के बारे में जानकारी साझा करने के लिए हिंदी में योगदान देने का निर्णय लिया, लेकिन उनके सामने दो बड़ी समस्याएं थीं।
पहला, राजू के पास कोई कंप्यूटर या लैपटॉप नहीं था। वह अपने की-पैड वाले फोन से रिसर्च करते, पढ़ते और टाइप करते थे, जो कि कठिन और समय लेने वाला काम था।
दूसरा, अपनी जानकारी का समर्थन करने के लिए उनके पास कोई रेफ्रेंस नहीं था, उनके आर्टिकल जो उन्होंने अपने गाँव के बारे में लिखे थे, विकिपीडिया के एडिटर्स द्वारा हटा दिए जाते थे।
कड़ी मशक्कत के बावजूद राजू ने हार नहीं मानी और अपनी कोशिशें लगातार जारी रखी। उन्होंने अपने आर्टिकल्स को अपलोड करने के लिए दो साल तक बार-बार प्रयास किए लेकिन असफल रहे और यहां तक कि इस प्रक्रिया में उन्हें तीन बार एडमिनिस्ट्रेटर द्वारा ब्लॉक भी कर दिया गया।
इन प्रयासों के बीच, राजू ने यह जान लिया कि आर्टिकल्स को निष्पक्ष रखने के लिए कोट्स और रेफ्रेंसेज की भी आवश्यकता होती है और उसके बाद ही वह उन्हें अपलोड कर सकते हैं।
चीजें सीखने के बाद, राजू ने साल 2015 में एक नया अकाउंट बनाया, और उन्होंने सभी कम्यूनिटी गाइडलाइंस का पालन करते हुए अपने सफर की शुरूआत की, तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा।
विकिपीडिया पर हासिल की ये उपलब्धियां
22 वर्षीय राजू साल 2015 से विकिपीडिया के लिये एडिटिंग कर रहे हैं और वे अब तक लगभग 1900 पेज क्रिएट कर चुके हैं और करीब 57000 से ज्यादा पेज एडिट कर चुके हैं। क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को पूरा करते हुए उन्होंने WikiProject Cricket के तहत अब तक 650+ पेज क्रिएट किए हैं, जिनमें क्रिकेट खिलाडियों और इस खेल से संबंधित तमाम जानकारी उपलब्ध है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को वे अपना फेवरेट क्रिकेटर बताते हैं और ‘माही’ का “हेलीकॉप्टर शॉट” उन्हें बेहद पसन्द हैं।
राजू ने विकिपीडिया पर आयोजित 100WikiWomensDay चैलेन्ज को पूरा करते हुए, प्रति दिन एक महिला का पेज बनाते हुए 100 दिन में 100 महिलाओं के पेज क्रिएट किये हैं। वे जोधपुर से सबसे ज्यादा विकिपीडिया पेज एडिट करने वाले शख्स हैं।
दिलचस्प बात यह है कि 8000 से ज्यादा पेज राजू ने मोबाइल फोन से एडिट किये हैं और इनमें से 3000 से ज्यादा तो उन्होंने पुराने की-पैड वाले फोन से एडिट किये हैं, यह विकिपीडिया और हिंदी के प्रति उनके लगाव और जुनून को दर्शाता है।
मेहनत से मिली पहचान
साल 2016 में पुणे, महाराष्ट्र में एक हिंदी विकिपीडिया कॉन्फ्रेंस में भाग लेने का अवसर मिलने के बाद राजू के लिए चीजें वास्तव में बदल गईं।
राजू बताते हैं, “दो कम्यूनिटी मेंबर्स को मेरी कमजोर आर्थिक स्थिति के बारे में पता था और उन्होंने वहां मौजूद दूसरे मेंबर्स के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने मुझे एक लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन दिलाने के लिए फंड रेज़ कैंपेन चलाने का सुझाव दिया। छह महीने बाद, दिसंबर में, मुझे दोनों चीजें मिल गईं।”
साल 2017 में, राजू ने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कारपेंटर की अपनी नौकरी छोड़ दी और कंटेंट राइटिंग को अपना कैरियर चुना
आज, राजू विकिपीडिया पर एडिटर से रिव्यूअर बन गए हैं।
राजू ने साबित किया कि निरंतरता और दृढ़ संकल्प के साथ सभी बाधाओं को दूर किया जा सकता है। यह हिंदी भाषा और उनके जुनून के लिए उनका प्यार था जिसने उन्हें आगे बढ़ाया और उन्होंने सफलता हासिल की। राजू की कहानी हमें यह सीख देती है कि चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न हो, अगर आप अपने काम के प्रति लगातार मेहनत करेंगे तो एक-न-एक दिन सफलता आपके कदम चुमेगी।
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