पिछले एक साल में सोने की कीमतों में बड़ी तेजी आई है। यह इस साल भी बाकी संपत्ति वर्गों के मुकाबले बहुत आगे है। कोरोना संकट के बीच सोने की चमक काफी बढ़ी है। इस समय सोना रिकॉर्ड स्तरों पर है। पर कमजोर आर्थिक स्थिति और अमेरिका-चीन के बीच तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में आगे भी तेजी देखने को मिल सकती है। एक्सपर्ट्स के अनुसार सोना 30 फीसदी तक अभी भी रिटर्न दे सकता है।
सोना कराएगा पीपीएफ से अधिक मुनाफा
एक्सपर्ट्स के अनुसार पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में लगातार तेजी दिखी है। जबकि पिछले एक साल में सोने ने 25 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया। पिछले 2 साल में देखें तो इसने 45 फीसदी से भी ज्यादा रिटर्न दिया है। हालाँकि मौजूदा स्थिति के मद्देनजर अगले 18-24 महीनों में सोने की कीमतें 65000 रु प्रति 10 ग्राम के तक पहुंच सकती हैं। इस लिहाज से ये अगले 18-24 महीनों में 30 फीसदी रिटर्न दे सकता है, जो पीपीएफ से जैसे ऑप्शंस से काफी बेहतर होगा।
गोल्ड के साथ-साथ चांदी में भी तेजी
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के आंकड़ों के अनुसार गोल्ड ईटीएफ में रिकॉर्ड निवेश देखा जा रहा है। यह सोने की कीमतों को सहारा दे रहा है और इस ट्रेंड में भी बदलाव की संभावना नहीं है। चांदी में भी निवेशकों की अच्छी दिलचस्पी देखी जा रही है। आर्थिक स्थिति को लेकर बनी अनिश्चितता, घटती ब्याज दरें और निगेटिव गिरती बॉन्ड यील्ड जैसे कई संकेत हैं जो एक्सपर्ट्स को सोना-चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए आत्मविश्वास दे रहे हैं। सोने और चांदी दोनों में तेजी की संभावना है। चांदी में भी हाल ही में अचानक उछाल आया है।
74000 रु तक जा सकती है चांदी
पिछले कुछ वर्षों से पिछड़ने के बाद चांदी में बड़े पैमाने पर लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। जानकार कहते हैं कि चांदी 64000 रु की ओर बढ़ सकती है और साथ ही साथ अगली 2 तिमाहियों में इसके रेट 74000 रु प्रति किलोग्राम से अधिक हो सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव
शुक्रवार को सोने की कीमतें अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच गईं। निवेशकों ने अमेरिका-चीन के बीच बढ़े तनाव और दुनिया भर के कई देशों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते सुरक्षा के लिए सोने का रुख किया। लगातार छठे दिन चढ़ते हुए अगस्त फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट 1,898 डॉलर प्रति औंस हो गया। कई निवेशक सोने को प्रति औंस 2000 डॉलर की ओर बढ़ते हुए देख रहे हैं, क्योंकि अमेरिका और चीन के बीच राजनीतिक तनाव जारी है।
शानदार रहा है 1 वर्षीय गोल्ड म्यूचुअल फंड रिटर्न : –
- एसबीआई गोल्ड म्यूचुअल फंड : 39.62 फीसदी
- एक्सिस गोल्ड म्यूचुअल फंड : 39.33 फीसदी
- कोटक गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.92 फीसदी
- निप्पॉन इंडिया गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.41 फीसदी
- इंवेसको इंडिया गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.37 फीसदी
- एचडीएफसी गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.25 फीसदी
- आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल रेगुलर गोल्ड म्यूचुअल फंड : 38.24 फीसदी
- क्वांटम गोल्ड म्यूचुअल फंड : 37.75 फीसदी
- एबीएसएल गोल्ड म्यूचुअल फंड : 37.41 फीसदी
- आईडीबीआई गोल्ड म्यूचुअल फंड : 35.76 फीसदी
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