देश में 10 एजेंसियां ऐसी हैं जिनके पास लोगों के फोन टैप करने का अधिकार है. ये जानकारी केंद्र सरकार ने 19 नवंबर को लोकसभा में दी. सरकार ने बताया कि फोन कॉल पर किसी की निगरानी रखने से पहले इन एजेंसियों को केंद्रीय गृह सचिव की मंज़ूरी लेनी होती है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने वॉट्सऐप कॉल और मैसेज के टैपिंग से जुड़े सवालों के भी जवाब दिये.
रेड्डी ने इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 का जिक्र किया. बताया कि इसकी धारा 69 केंद्र या राज्य सरकार को अधिकार देती है, कि देश की संप्रभुता या अखंडता के हित में वो किसी कंप्यूटर के जरिए जनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव होने वाले डेटा, या उसमें स्टोर डेटा पर नज़र रखने, उसे हटवाने या डिकोड करवा सकती है.
केंद्र सरकार के मामले में केंद्रीय गृह सचिव को और राज्य सरकार के मामले में संबंधित राज्य सरकार के गृह सचिव से इसकी अनुमति लेनी होती है. केंद्र सरकार में जो दस एजेंसियां फोन टैप कर सकती हैं, वे हैं-
- इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)
- सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI)
- एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED)
- नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB)
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT)
- डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यु इंटेलिजेंस (DRI)
- नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA)
- रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&W)
- डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस (DSI)
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर (DPC)
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