राजनीति के कुछ फिक्स जुमले हैं. मिसाल के तौर पर ‘यहां कोई परमानेंट दोस्त या विरोधी नहीं होता’, ‘विरोधी का विरोधी अपना दोस्त होता है’ और ‘राजनीति में सबकुछ मुमकिन है’. ऐसे ही जुमलों का साकार रूप राजस्थान के पंचायत इलेक्शन के दौरान नजर आया. कुछ ऐसा हुआ कि ट्विटर पर #BJPकोंग्रेस_एक_है ट्रेंड करने लगा. जिन लोगों को माजरा समझ में आया उन्होंने मीम पोस्ट करने शुरू कर दिए. पहले कुछ मजेदार मीम्स पर नजर डालिए.
अब जानते हैं कि मामला क्या है
राजस्थान में हाल ही में जिला परिषद के चुनाव हुए हैं. अब परिषद के सदस्यों को मिलकर परिषद का प्रमुख चुनना था. डूंगरपुर जिले में बीजेपी और कांग्रेस का मुकाबला था भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के समर्थन वाले उम्मीदवार का. ये उम्मीदवार दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवारों से मजबूत था. लिहाज़ा, उसे रोकने के लिए बीजेपी-कांग्रेस ने हाथ मिला लिया.
नतीजा यह रहा कि 27 में से 13 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी BTP अपने उम्मीदवार को जिला प्रमुख नहीं बना पाई. जबकि आठ सीटों वाली भाजपा ने कांग्रेस के छह सदस्यों के समर्थन से सूर्या अहारी को जिला प्रमुख का ताज पहना दिया. यहीं खेल सीमलवाड़ा, सागवाड़ा और गलियाकोट में हुआ.
भाजपा की कार में बैठकर आए कांग्रेस के सदस्य
सुबह 11 बजे भाजपा प्रत्याशी सूर्या देवी ने निर्दलीय आवेदन किया गया. कांग्रेस की ओर से किसी के आवेदन नहीं किया. दोपहर साढ़े तीन बजे दो कारों में सवार होकर कांग्रेस के सदस्य वोट देने आए. उन्हें कार से लाने-ले जाने का काम बीजेपी के युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने किया. दो कारों में बैठाकर लाने, उन्हें कलेक्टरी गेट तक छोड़ने और वापस कलेक्टरी गेट से सीधे कार में बैठाने की भूमिका भाजपा युवा मोर्चा के सदस्यों ने निभाई. उसी समय भाजपा के उम्मीदवार सूर्या अहारी को समर्थन देने पर मोहर लग गई.
इन जगहों पर भी दिखी गजब की जुगलबंदी
सांगवाड़ा में कांग्रेस के चार वोट भाजपा को
सागवाड़ा में पर भाजपा की 12, बीटीपी की 13, कांग्रेस की 4 सीटें थीं. प्रधान के चुनाव में भाजपा को 16, बीटीपी को 13 वोट मिले. कांग्रेस के 4 वोट भाजपा को मिलने से यहां पर भी भाजपा ने प्रधान बना लिया.
बिछीवाड़ा में भाजपा ने कांग्रेस को दिया वोट
बिछीवाड़ा में बीटीपी को 9, कांग्रेस को 14, वहीं भाजपा को 2 सीटें मिली थीं. प्रधान के चुनाव में कांग्रेस को 17 सीटें मिलीं. यहां भाजपा के 2 और एक बीटीपी उम्मीदवार ने कांग्रेस को वोट किया. इस तरह से यहां पर कांग्रेस का प्रधान बन गया
गलियाकोट में लॉटरी से मिला प्रधान पद
गलियाकोट में बीटीपी की 9, भाजपा की 7, कांग्रेस के पास 1 सीटें थीं. प्रधान के लिए भाजपा को कांग्रेस का वोट मिलाकर आठ वोट मिले. एक निर्दलीय ने वोट नहीं किया. इससे बीटीपी को भी आठ वोट मिले. इसके बाद लॉटरी से प्रधान पद भाजपा को मिला. अगर कांग्रेस बीजेपी को वोट न देती तो लॉटरी की नौबत न आती.
आसपुर में कांग्रेस के तीन वोट भाजपा को
आसपुर में बीटीपी की 4, कांग्रेस की 3 वहीं भाजपा 10 सीटें थीं. प्रधान चुनाव में भाजपा को 13 सीट मिलीं. यहां कांग्रेस के 3 उम्मीदवारों ने भाजपा को वोट किया.
पंचायत चुनाव में 1833 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को 1713 सीटों पर जीत मिली है. इसके अलावा जिला प्रमुख के चुनावों में भी बीजेपी का प्रदर्शन कांग्रेस से काफी बेहतर था.
नाराज भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने गहलोत सरकार से समर्थन वापस लिया
पंचायत चुनाव में कांग्रेस के बीजेपी से हाथ मिलाने से बीटीपी काफी नाराज़ है. पार्टी राजस्थान की गहलोत सरकार को समर्थन दे रही है. विधानसभा में उसके दो विधायक हैं. भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. हालांकि, इस समर्थन वापसी से गहलोत सरकार पर कोई खतरा नहीं है.
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