वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को आर्थिक पैकेज के बारे में अपनी पाँचवीं और अंतिम ब्रीफ़िंग में 20 लाख करोड़ रूपए का लेखा-जोखा देते हुए बताया कि किन-किन मदों पर कितनी राशि ख़र्च की जाएगी.
वित्त मंत्री ने पहले (13 मई) दिन 5.94 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ब्यौरा दिया था जिसमें मुख्य रूप से छोटे व्यवसायों को क़र्ज़ देने और ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों तथा बिजली वितरण कंपनियों को मदद के लिए दी जाने वाली राशि की जानकारी दी गई.
To sum up all the measures announced so far, here is the Stimulus provided by announcements in the 1st tranche (1/5)#AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/2fJVyZpZ5d
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वित्तमंत्री ने दूसरे (14 मई) दिन 3.10 लाख करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज की घोषणाएँ की थी जिनमें अटके हुए प्रवासी मज़दूरों को दो महीने तक निःशुल्क अनाज देने और किसानों को क़र्ज़ देने की घोषणाएँ शामिल थीं.
Stimulus provided by announcements in Part-2, which totalled to Rs 3.1 lakh crores(2/5)#AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/jKs2pVpAjE
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वित्त मंत्री ने तीसरे (15 मई) दिन 1.5 लाख करोड़ रुपए का ब्यौरा दिया था जिसे मुख्य तौर पर खेती के बुनियादी ढाँचे को ठीक करने और खेती से जुड़े संबंधित क्षेत्रों के लिए ख़र्च किया जाएगा.
Stimulus under Part-3 which included incentives for Food Micro Enterprises totalled Rs 1.5 lakh crore(3/5)#AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/fMrjjzmk4k
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वित्त मंत्री ने चौथे (16 मई) और पाँचवें (17 मई) दिन संरचनात्मक सुधारों के लिए होने वाले ख़र्च का ब्यौरा दिया. इनमें कोयला क्षेत्र, खनन, विमानन, अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर शिक्षा, रोज़गार, व्यवसायों की मदद और सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के लिए सुधार के उपाय शामिल थे. साथ ही राज्यों को अतिरिक्त मदद देने की भी घोषणा की गई. इन मदों पर 48,100 करोड़ रुपए ख़र्च करने की घोषणा हुई है.
Announcements in 4th and 5th tranche total Rs 48,100 crores (4/5)#AatmaNirbharApnaBharat pic.twitter.com/WJiz1aTTyj
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वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने प्रधानमंत्री के 12 मई के ऐलान से पहले ही लॉकडाउन के दौरान राहत पैकेज शुरू कर दिया था.
इसके तहत प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज के लिए 1,92,800 करोड़ रुपए के ख़र्च की योजना बनाई गई थी.
वहीं रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने भी 8,01,603 करोड़ रुपए के उपायों का ऐलान किया था.
इन सभी राशियों को मिलाकर सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर 20,97,053 करोड़ रुपए का ख़र्च करने जा रही है.
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