चीन के शंघाई शहर में इंजीनियरों ने 7,600 टन की एक विशालकाय इमारत को उसकी जगह से खिसकाकर दूसरी जगह ले जाने का कारनामा कर दिखाया है.
उन्होंने 1935 में बनी शंघाई के लागेना प्राथमिक विद्यालय की पाँच मंज़िला इमारत को उसकी जगह से उठाया और तकनीक के इस्तेमाल से उसे कुछ दूरी पर ले गए.
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस पुरानी इमारत के पास ही एक नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू होना है जिसके लिए जगह थोड़ी पड़ने पर इस बिल्डिंग को उसकी जगह से खिसकाने का निर्णय लिया गया.
चीन के इंजीनियरों के पास इस इमारत को गिराने का विकल्प भी था, मगर उन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत को उसकी जगह से उठाकर दूसरी जगह शिफ़्ट करने का निर्णय लिया.


चीन के सरकारी मीडिया के अनुसार, इंजीनियरों की एक टीम ने तकनीक की मदद से बिल्डिंग को उठाया और 198 रोबोटिक टाँगों की मदद से उसे कुछ दूर ले गए.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, कंक्रीट से बनी हज़ारों टन की इस इमारत को उसकी मूल जगह से क़रीब 62 मीटर खिसकाया गया है.
चीन सरकार द्वारा नियंत्रित सीसीटीवी न्यूज़ नेटवर्क के अनुसार, इमारत को एक जगह से दूसरी जगह शिफ़्ट करने का काम 18 दिनों में पूरा किया गया. बताया गया है कि 15 अक्तूबर को बिल्डिंग शिफ़्ट करने का काम पूरा कर लिया गया था.
न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, स्थानीय प्रशासन ने अब इस ऐतिहासिक इमारत को संरक्षित रखने का निर्णय लिया है और उसी लिहाज़ से इमारत की मरम्मत का काम किया जा रहा है.
इमारतों को एक जगह से दूसरी जगह शिफ़्ट करने के यूँ तो कई तरीक़े हैं, मगर आमतौर पर इंजीनियर ऐसी इमारतों को बड़े प्लेटफ़ॉर्म की मदद से शिफ़्ट करते हैं जिन्हें ज़्यादा क्षमता वाली रेल या क्रेन से खींचा जाता है.
लेकिन इस बार चीनी इंजीनियरों ने रोबोटिक लेग्स (रोबोट द्वारा नियंत्रित मज़बूत पाये) इस्तेमाल किये जिनके नीचे पहिये लगे थे. चीनी इंजीनियरों द्वारा पहली बार इस तरीक़े को अपनाया गया है.
हालांकि, ग़ौर करने वाली बात यह है कि शंघाई के इंजीनियरों के पास बिल्डिंगों को इस तरह शिफ़्ट करने का पुराना तजुर्बा है.
साल 2017 में, 135 साल पहले बने और क़रीब दो हज़ार टन वज़न वाले ऐतिहासिक बौद्ध मंदिर को उसकी मूल जगह से लगभग 30 मीटर खिसकाया गया था और इस मंदिर को 30 मीटर खिसकाने में 15 दिन लगे थे.
इस साल की शुरुआत में भी चीन के इंजीनियरों ने बिल्डिंग निर्माण के क्षेत्र में एक कीर्तिमान स्थापित किया था. चीन के हूबे प्रांत में स्थित वुहान शहर में कोरोना संक्रमण तेज़ी से फ़ैलने के बाद चीनी इंजीनियरों ने दस दिन में हज़ार बेड का अस्पताल बनाकर दिखाया था. वुहान वही शहर है जहाँ सबसे पहले कोविड-19 संक्रमण की आधिकारिक पुष्टि की गई थी.
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