जानिए, आखि‍र क्यों तुलसी ने दिया था भगवान गणेश को श्राप?

0


गुरुवार को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. इस अवसर पर घर में गणेश जी मूर्ति मेहमान बनकर दस दिनों तक रहती है. रोजाना गणेश जी की मूर्ति की पूजा की जाती है और उन्हें भोग लगाया जाता है. आइए गणेश चतुर्थी से पहले जानते हैं गणेश जी के बारे में हैरान कर देने वाली बातें…

गणेश जी भगवान शिव और मां पार्वती की संतान हैं. गणेश जी की पूरी आकृति में सबसे महत्वपूर्ण उनकी सूंड मानी जाती है. इसके अलावा गणेश जी के दो बड़े कान हैं और किसी आम व्यक्ति की तरह उनका बड़ा सा पेट है. गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहते हैं. हिंदू धर्म में 5 सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले भगवानों में एक गणेश जी भी हैं. पढ़ाई, ज्ञान, धन लाभ और अच्छी सेहत के लिए भी गणेश जी की पूजा की जाती है. शिव महापुराण के मुताबिक, गणेश जी का शरीर लाल और हरे रंग का होता है.

ब्रह्मावैवर्त पुराण के मुताबिक, मां पार्वती ने संतान पाने के लिए पुण्यक व्रत रखा था. माना जाता है कि इस व्रत की महिमा से ही मां पार्वती को गणेश जी संतान के रूप में मिले थे.

ब्रह्मावैवर्त पुराण के मुताबिक, जब सभी भगवान गणेश जी को आशीर्वाद दे रहे थे, उस समय शनि देव सिर को झुकाए खड़े थे. ये देखने पर मां पार्वती ने उनसे उनका सिर झुका कर खड़े होने का कारण पूछा तो उन्होंने जवाब दिया कि अगर वे गणेश जी को देखेंगे तो हो सकता है कि उनका सिर शरीर से अलग हो जाएगा. लेकिन पार्वती जी के कहने पर शनि देव ने गणेश जी की ओर नजर उठाकर देख लिया, जिसके परिणामस्वरूप गणेश जी का सिर उनके शरीर से अलग हो गया.

ब्रह्मावैवर्त पुराण में ये भी बताया गया है कि शनि देव के देखने पर जब गणेश जी का सिर उनके शरीर से अलग हुआ तो उस समय भगवान श्रीहरि ने अपना गरुड़ उत्तर दिशा की ओर फेंका, जो पुष्य भद्रा नदी की तरफ जा पहुंचा था. वहां पर एक हथिनी अपने एक नवजात बच्चे के साथ सो रही थी. भगवान श्रीहरि ने अपने गरुड़ की मदद से हथिनी के बच्चे सिर काटकर गणेश जी के शरीर पर लगा दिया था, जिसके बाद एक बार फिर गणेश जी को जीवन मिला.

ब्रह्मावैवर्त पुराण के मुताबिक, भगवान शिव ने एक बार गुस्से में सूर्य देव पर त्रिशूल से वार किया था. भगवान शिव की इस बात से सूर्य देव के पिता बेहद क्रोधित हो गए और उन्होंने भगवान शिव को श्राप दिया कि जिस तरह भगवान शिव ने उनके पुत्र के शरीर को नुकसान पहुंचाया है ठीक उसी प्रकार एक दिन भगवान शिव के पुत्र यानी गणेश जी का शरीर भी कटेगा.

ये भी मान्यता है कि एक दिन तुलसी देवी गंगा घाट के किनारे से गुजर रही थीं. उस समय गणेश जी वहां पर ध्यान कर रहे थे. गणेश जी को देखते ही तुलसी देवी उनकी ओर आकर्षित हो गईं और गणेश जी को शादी प्रस्ताव दे दिया. लेकिन गणेश जी ने उनसे शादी करने से मना कर दिया था. गणेश जी से न सुनने पर तुलसी देवी बेहद क्रोधित हो गईं, जिसके बाद तुलसीदेवी ने गणेश जी को श्राप दिया कि उनकी शादी जल्दी ही हो जाएगी. जिसके बाद गणेश जी ने भी उन्हें पौधा बनने का श्राप दे दिया था. शिव महापुराण में ये भी बताया गया है कि गणेश जी की दो पत्नियां थी रिद्धि और सिद्धि और उनके दो पुत्र शुभ और लाभ हैं.

ब्रह्मावैवर्त पुराण के मुताबिक, एक दिन परशुराम भगवान शिव से मिलने के लिए कैलाश मंदिर गए थे. उस समय भगवान शिव ध्यान कर रहे थे, जिस कारण गणेश जी ने परशुराम को अपने पिता यानी भगवान शिव से मिलने से रोक दिया. इस बात से परशुराम बेहद क्रोधित हो गए और उन्होंने गणेश जी पर हमला कर दिया.

हमले के लिए परशुराम ने जो हथियार इस्तेमाल किया था वे उन्हें खुद भगवान शिव ने ही दिया था. गणेश जी नहीं चाहते थे कि परशुराम द्वारा उनपर किया गया हमला बेकार जाए क्योंकि हमला करने के लिए हथियार खुद उनके पिता ने ही परशुराम को दिया था. उस हमले के दौरान उनका एक दांत टूट गया था, तभी से उन्हें ‘एक दंत’ के नाम से पहचाने जाने लगा.

गणेश पुराण के मुताबिक, व्यक्ति के शरीर का मूलाधार चक्र गणेश भी कहा जाता है

 

दुनिया में कम ही लोग कुछ मज़ेदार पढ़ने के शौक़ीन हैं। आप भी पढ़ें। हमारे Facebook Page को Like करें – www.facebook.com/iamfeedy




दुनिया में कम ही लोग कुछ मज़ेदार पढ़ने के शौक़ीन हैं। आप भी पढ़ें। हमारे Facebook Page को Like करें – www.facebook.com/iamfeedy

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Contact

CONTACT US


Social Contacts



Newsletter