314 दिन से स्पेस में है ये महिला, रोज 16 बार देखती है सूर्योदय

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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की अंतरिक्षयात्री (Astronaut) क्रिस्टीना कोच दुनिया की पहली महिला हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station – ISS) पर 28 दिसंबर 2019 को सबसे ज्यादा दिन पूरे किए हैं. ये अभी फरवरी तक और स्पेस स्टेशन पर ही रहेंगी. इसी के साथ क्रिस्टीना अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन बिताने का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से क्रिस्टीना हर दिन 16 बार सूर्योदय देखती हैं. आइए जानते हैं कि पृथ्वी से करीब 408 किलोमीटर ऊपर स्थित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर क्रिस्टीना कोच ने क्या-क्या रिकॉर्ड तोड़े हैं?

क्रिस्टीना दुनिया की पहली महिला हैं जिन्होंने दूसरी अंतरिक्षयात्री जेसिका मीर के साथ अक्टूबर 2019 में अंतरिक्ष में पहली बार स्पेसवॉक किया. यह अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास का पहला मौका था जब दो महिलाओं ने पहली बार बिना किसी पुरूष साथी के स्पेसवॉक किया

 

314 दिन से स्पेस में है ये महिला, रोज 16 बार देखती है सूर्योदय

क्रिस्टीना कोच अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन बिताने वाली पहली महिला बनने का रिकॉर्ड बना लेंगी. इससे पहले 2017 में नासा की अंतरिक्षयात्री पेगी व्हिटसन ने अंतरिक्ष में 289 दिन, पांच घंटे और 1 मिनट बिताए थे. लेकिन क्रिस्टीना ने अंतरिक्ष में कुल मिलाकर 328 दिन बिताने का रिकॉर्ड बनाएंगी.

क्रिस्टीना 14 मार्च 2019 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजी गई थीं. इनका मिशन था सिर्फ 6 महीने का लेकिन नासा ने इनके मिशन को और आगे बढ़ा दिया. नासा ने कहा कि क्रिस्टीना को अंतरिक्ष से अभी और आंकड़े जुटाने हैं. क्रिस्टीना कहती हैं कि इतने दिनों तक अंतरिक्ष में रहकर काम करना सबसे बड़ा सम्मान है.

हो सकता है कि क्रिस्टीना कोच 6 फरवरी 2020 को धरती पर लौट आएं. लेकिन तबतक वो अभी कई बार और स्पेसवॉक करेंगी. क्रिस्टीना कहती हैं कि यहां अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर खाली समय में हम अंतरिक्ष और पृथ्वी की फोटोग्राफी करते हैं. आपस में बातें करते हैं. या फिर टीवी पर कोई प्रोग्राम देखते हैं.

40 वर्षीय क्रिस्टीना का नासा में चयन 2013 में हुआ था. 2015 में उन्होंने अंतरिक्षयात्री बनने की ट्रेनिंग पूरी की. क्रिस्टीना ने नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रैजुएशन की है. क्रिस्टीना अमेरिका के मिशिगन में पैदा हुई थीं.

क्रिस्टीना को योगा, सर्फिंग, पैडलिंग, रॉक क्लाइंबिंग, दौड़ना, समाज सेवा, फोटोग्राफी और घूमना पसंद है. क्रिस्टीना ने नासा में आने के बाद दो चीजों में महारत हासिल की. ये हैं- स्पेस साइंस इंस्ट्रूमेंट डेवलपमेंट और रिमोट साइंटिफिक फील्ड इंजीनियरिंग. इसी जानकारी के आधार पर ही इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की बैटरी ठीक की थी.

क्रिस्टीना को योगा, सर्फिंग, पैडलिंग, रॉक क्लाइंबिंग, दौड़ना, समाज सेवा, फोटोग्राफी और घूमना पसंद है. क्रिस्टीना ने नासा में आने के बाद दो चीजों में महारत हासिल की. ये हैं- स्पेस साइंस इंस्ट्रूमेंट डेवलपमेंट और रिमोट साइंटिफिक फील्ड इंजीनियरिंग. इसी जानकारी के आधार पर ही इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन की बैटरी ठीक की थी.

क्रिस्टीना ने अब तक अंतरराष्ट्रीय स्टेशन पर अब तक 314 दिन बिता लिए हैं. एक दिन में 1440 मिनट होते हैं. क्रिस्टीना हर 90 मिनट पर एक बार सूर्योदय देखती हैं. क्योंकि स्पेस स्टेशन घूमते हुए पृथ्वी के दूसरे हिस्से निकलता है. इस हिसाब से क्रिस्टीना हर दिन 16 बार सूर्योदय देखती हैं. यानी अब तक उन्होंने 314 दिनों में 5024 बार सूर्योदय देखा है.

 

 




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