नई खोजों के मामले में जर्मनी की काफी प्रतिष्ठा है. आप दुनिया के किसी कोने में रहें, वहां आप कुछ न कुछ ऐसा जरूर इस्तेमाल करेंगे जिसकी खोज जर्मनी में हुई है. देखते हैं ऐसी दस चीजों को.
पंच फाइल
आज दफ्तरों में कंप्यूटर लगे हैं, लेकिन इसके बावजूद रिकॉर्ड रखने के लिए फाइलों को इस्तेमाल किया जाता है. पंच फाइल का विचार मथियास थेल का था.
एमपी3
एमपी3 फाइल ने एक झटके में संगीत को कैसेट से निकालकर चिप में डाल दिया. एमपी3 बनाने का विचार कार्लहाइंत्स ब्रांडेनबुर्ग को 1980 के दशक में आया. उन्होंने डाटा फाइल को कंप्रेस करने में सफलता पाई.
इलेक्ट्रिक ड्रिल
हथौड़े से मुक्ति इलेक्ट्रिक ड्रिल ने दिलाई. हालांकि इलेक्ट्रिक ड्रिल का आविष्कार 1889 में ऑस्ट्रेलिया में हुआ. लेकिन जर्मनी के लुडविषबुर्ग के विल्हेम एमिल फाइन ने 1895 में इसे पोर्टेबल बना दिया. हाथ में आराम से आने वाली पोर्टेबल ड्रिल आज भी निर्माण और रिपेयरिंग के मामले में अहम औजार है.
फैंटा
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकियों को लगा कि वे कोका कोला की सप्लाई बंद कर जर्मनी को परेशान कर देंगे. तभी कोका कोला जर्मनी के प्रमुख माक्स काइथ ने जर्मन बाजार के लिए नया प्रोडक्ट उतारने की सोची. उन्होंने स्थानीय चीजों का सहारा लिया और 1941 में फैंटा से तहलका मचा दिया.
कॉफी फिल्टर
1908 में ड्रेसडेन की एक महिला मेलिटा बेंट्स ने कॉफी के स्वाद को बेहतर करने के लिए उसे बेहद बारीक कागज से छानने की सोची. आइडिया चल निकला. कप में सिर्फ कॉफी आई, उसका बारीक पाउडर फिल्टर में अटक गया. बेंट्स ने इस आइडिया को पेटेंट कराया. उनकी कंपनी मेलिटा ग्रुप आज भी 3,300 कर्मचारियों के साथ चल रही है.
सेफ्टी टेप
निविया क्रीम, लाबेलो लिप बाम बनाने के बाद भी फार्मेसिस्ट ऑस्कर ट्रोप्लोविट्स संतुष्ट नहीं हुए. तभी उनके दिमाग में सेलो टेप बनाने का विचार आया. लेकिन इस आइडिया पर और लोग भी काम कर रहे थे. तो ट्रोप्लोविट्स ने 1901 में ल्यूकोप्लास्ट बना दिया. आज मेडिकल क्षेत्र में इसका खूब इस्तेमाल होता है.
एकोर्डियन
एकोर्डियन भी जर्मन आविष्कार है. 1822 में इसे क्रस्टियान फ्रिडरिष लुडविष बुशमन ने बनाया. कहा जाता है कि बुशमन इससे पहले हार्मोनियम भी बना चुके थे. लेकिन आसानी से कंधे पर लटकने वाले एकोर्डियन जल्द ही दुनिया भर में छा गया.
क्रिसमस ट्री
सेंटा क्लॉज को खोजने का श्रेय फिनलैंड लेता है और क्रिसमस ट्री का जर्मनी. जर्मनी में पुर्नजागरण काल के दौरान टानेनबाउम नामक पेड़ को सजाने का चलन शुरू हुआ. 19वीं शताब्दी के अंत तक यह परंपरा सी बन गई. आज दुनिया भर में क्रिसमस ट्री को फलों, लाइटों और मेवों से सजाया जाता है.
आधुनिक फुटबॉल बूट
फुटबॉल खेलने के बूट ब्रिटेन में बने. लेकिन एडिडास के संस्थापक एडी डासलेर ने 1954 में स्क्रू तकनीक का इस्तेमाल कर इन बूटों के डिजाइन और तले को पूरी तरह बदल दिया. उसी साल पश्चिमी जर्मनी ने फुटबॉल विश्वकप जीता. एडी के बड़े भाई रुडोल्फ डासलेर इससे खुश नहीं थे. प्यूमा कंपनी के मालिक रुडोल्फ ने दावा किया कि यह खोज उनकी थी.
टैक्सी मीटर
इससे प्यार और नाराजगी बनी रहती है. 1891 में फ्रिडरिष विल्हेम गुस्ताव ब्रून ने डायमलर कंपनी की टैक्सियों के लिए यह मीटर बनाया. तभी से दुनिया भर की टैक्सियों के मीटर लगातार डाउन हैं.
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