सात साल में 13.5 अरब के मालिक बने झांग की सोच का अब तो हर कोई कायल

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स्टार्टअप कंपनी ‘बाइटडांस टिकटॉक’ के संस्थापक झांग यिमिंग इस समय 13.5 अरब डॉलर की कुल पूंजी के साथ रिच लिस्ट के टॉप 20 अमीरों में गिने जाते हैं। उन्होंने जो इंटरटेनमेंट टेक्नोलॉजी ईजाद की है, आज पूरी दुनिया के युवा उनकी सोच के कायल हैं। अब तक टिक टॉक को 1.5 अरब बार डाउनलोड किया जा चुका है। 

बिजिंग (चीन) की स्टार्टअप कंपनी ‘बाइटडांस टिक टॉक’ के छत्तीस वर्षीय अरबपति फाउंडर झांग यिमिंग ने 2012 में ऐप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल कर एक ऐसा काम शुरू किया, जिसके साथ पूरी दुनिया नाचने लगी। झांग एक अनोखे कारोबारी हैं। उन्होंने जो इंटरटेनमेंट टेक्नोलॉजी ईजाद की है, आज पूरी दुनिया के युवा उनकी सोच के कायल हैं। 2017 में इसकी लॉन्चिंग के समय से टिक टॉक को 1.5 अरब बार डाउनलोड किया जा चुका है।

एक अरब डॉलर खर्च इसी वर्ष उन्होंने लिप-सिंकिंग वीडियो ऐप म्युजिकल.ली का अधिग्रहण कर उसे अपनी कंपनी में मिला लिया है। अब तो टिक टॉक के 15 से 60 सेकंड के वीडियो क्लिप में करोड़ों लोग बाल रंगना सिखाने से लेकर गानों पर खूब थिरकते देखे जा सकते हैं।

झांग यिमिंग का सोचना रहा है कि खुद को जताने में विश्वास रखने वाली नई पीढ़ी अच्छी-खराब अपनी हर तरह की वास्तविक भावनाएं व्यक्त करना चाहती है। यही वजह रही है कि चीन के बाहर टिक टॉक बाइटडांस कंपनी का ऐप देखते ही देखते अरबों लोगों में लोकप्रिय हो गया। बाद में इसके अन्य उत्पादों में कई ऐसे न्यूज एग्रीगेटर और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने वाले टूल भी शामिल हो गए, जिन्होंने झांग को एक कंप्यूटर प्रोग्रामर से बिजनेसमैन, और फिर वहां से चीन के अरबपतियों की कतार में शामिल कर दिया।

इस समय वह 13.5 अरब डॉलर की कुल पूंजी के साथ हुरून चाइना रिच लिस्ट के टॉप 20 अमीरों में गिने जाते हैं। आज उन्होंने बाइडू जैसे स्थापित सर्च इंजिन के फॉउंडर को भी पीछे छोड़ दिया है।

टिक टॉक संस्थापक झांग यिमिंग अब चीन सरकार के साथ मिल कर अपने देश में कंटेंट पर नियंत्रण रखने वाले सेंसर का काम भी कर रहे हैं। इस समय टिक टॉक भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया जैसे देशों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। कंपनी ने यूजर्स की पसंद के हिसाब से न्यूजफीड को व्यक्तिगत बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का व्यापक इस्तेमाल किया है। इसका न्यूज ऐप ‘जिनरी टूटिआओ’ ने चीन के लोगों के पढ़ने की आदत ही बदल डाली है।

झांग की कंपनी अमेरिका में अंग्रेजी न्यूज एग्रीगेटर साइट टॉपबज चला रही है। इंडोनेशिया के एक न्यूज ऐप बाबे में वह 2016 से एक नियंत्रक शेयरधारक है। अब वह स्पॉटिफाई और ऐप्पल से मुकाबले के लिए खुद की म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस भी लॉन्च करने वाली है।

इंटरनेट पर तरह-तरह से नियंत्रण के लिए चीन में सेंसरशिप एक बहुत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इसीलिए झांग यिमिंग ने सेंसर के काम के लिए अपनी कंपनी में हजारों लोगों को नौकरी दे रखी है, जो चौबीसो घंटे घरेलू प्लेटफॉर्म से लगातार अवांछित कंटेट हटाते रहते हैं। चीन सरकार की नाराजगी दूर करने के लिए झांग नग्नता और अश्लील परोसे जाने का खंडन करते हुए इस अपने सेंसरशिप स्टाफ की संख्या अब 10 हजार करने वाले हैं। ऐसे ही आरोपों के कारण टिक टॉक ऐप बांग्लादेश में प्रतिबंधित है। भारत में भी इस पर इसी साल कुछ समय के लिए पाबंदी लगा दी गई थी।

अमेरिकी सीनेटर चिट्ठी लिखकर चिंता जता चुके हैं कि बाइटडांस पर चीनी खुफिया एजेंसी यूजरों की जानकारी साझा करने का दबाव डाल सकती है। यद्यपि कंपनी का कहना है कि वह किसी भी विदेशी अथवा चीन सरकार से प्रभावित नहीं है।




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