0
जैसा कि हमने कहा ‘महाभारत’ एक ऐसा ग्रंथ है जिसे लेकर हर आयु वर्ग के व्यक्ति के मन में कोई न कोई उत्सुकता बनी ही रहती है। और तो और केवल भारत ही नहीं विदेशों में भी इसे लेकर लोगों में जिज्ञासा का भाव है।
राजा पाण्डु और कुंती
यह दृश्य उस समय का है, जब महाराजा पाण्डु वन में विश्राम कर रहे थे और एकाएक उनकी नजर माता कुंती पर पड़ गई थी।
इंद्रप्रस्थ में प्रवेश
‘महाभारत’ के इस दृश्य में माता कुंती अपने पुत्रों यानी पांडवों के साथ मायावी महल ‘इंद्रप्रस्थ’ में प्रवेश करते हुए नज़र आ रही हैं।
द्रौपदी से विवाह
अर्जुन से विवाह के बाद जब द्रौपदी, पांडवों सहित घर पहुंचीं तो माता कुंती के वचन के चलते द्रौपदी को पांच पांडवों की पत्नी बनना पड़ा। दरअसल कुंती से जब पांडवों ने कहा कि, ‘देखो मां हम क्या लाए हैं?’ तो कुंती ने बिना देखे ही बोल दिया था कि, ‘जो भी लाए वो पांचों भाई आपस में बांट लो’।
श्रीकृष्ण के साथ वार्तालाप में व्यस्त पांडु पुत्र
श्रीकृष्ण के साथ शुरुआत से ही पांडवों की खूब बनती थी। कोई भी मुसीबत होती थी तो पांडव तुरंत कृष्ण के पास पहुंच जाते थे।
‘इंद्रप्रस्थ’
श्रीकृष्ण को मायावी महल ‘इंद्रप्रस्थ’ के बारे में बताते पांडव। यह दृश्य तो कुछ ऐसा ही दर्शा रहा है।
कौरव और पांडव
कौरव और पांडव चौसर खेलते हुए। इसके बाद ही एकाएक माहौल बिगड़ गया था।
सुभद्रा को लेकर महल से निकल रहे अर्जुन
दरअसल अर्जुन पहले से ही सुभद्रा से प्रेम करते थे। मगर बलराम की इच्छा थी कि सुभद्रा की शादी दुर्योधन से हो। ऐसे में श्रीकृष्ण की मदद से अर्जुन ने सुभद्रा को महल से भगा लिया था। यह दृश्य उसी क्षण का है।
द्रौपदी की पीड़ा सुनते हुए श्रीकृष्ण
अज्ञातवास के दौरान पांडवों को द्रौपदी सहित रूप बदलकर रहना पड़ा था। इस दौरान एक राजा द्रौपदी पर बुरी नजर डालता है। नतीजतन पांडव उसका बुरा हाल कर देते हैं। इसके बाद उदास द्रौपदी को श्रीकृष्ण आकर सांत्वना देते हैं। बस उसी दृश्य को दर्शाती है यह तस्वीर
भीम और हनुमान
भीम के अहंकार को नष्ट करने के लिए आए हनुमान। ‘महाभारत’ का यह प्रसंग भी खासा लोकप्रिय है।
श्रीकृष्ण के साथ पांडव
महल में श्रीकृष्ण के साथ वार्तालाप करते पांडव।
शिशुपाल का वध करते श्रीकृष्ण
यह वो पल था जब श्रीकृष्ण को अपने रिश्तेदार को दंड देने के लिए विवश होना पड़ा था।
युद्ध के पहले माता कुंती की गोद में कर्ण
युद्ध के अचानक पहले कर्ण भी खुद माता कुंती से मिलने पहुंचे थे। यह बेहद भावुक क्षण था।
युद्ध की रणनीति बनाते पांडव
युद्ध के दौरान हर शाम पांडव एक नई रणनीति पर काम करते नजर आते थे।
श्रीकृष्ण से युद्धनीति का ज्ञान लेते अर्जुन
श्रीकृष्ण ने अर्जुन की मदद हर मामले में की। फिर बात राजनीति की हो या फिर युद्धनीति की। हर जगह हर पल श्रीकृष्ण मौजूद थे।
महाभारत का युद्ध
महाभारत का यह युद्ध में इतिहास में इसकी व्यापकता को लेकर दर्ज है।
रथ का पहिया निकालता योद्धा
युद्ध में अक्सर शस्त्र खत्म होने की स्थिति में योद्धाओं को रथ के पहिए का इस्तेमाल करते भी देखा गया था।
युद्ध में भीम की गदा ने मचाया आतंक
भीम के बल की चर्चा तो ‘महाभारत’ में अक्सर होती रहती थी। युद्ध में भीम ने इसका प्रदर्शन भी किया था।
चक्रव्यूह में अभिमन्यु
अभिमन्यु ने माता के गर्भ में ही चक्रव्यूह रचने की कला सीख ली थी मगर हां, उससे बाहर आना नहीं सीखा था। तभी तो वो युद्ध में मारा गया था।
मृत्यु को गले लगाते भीष्म
भीष्म को हराना किसी के लिए भी संभव नहीं था। ऐसे में खुद उन्होंने ही अपनी मौत का राज़ अर्जुन को बताया था।
दुनिया में कम ही लोग कुछ मज़ेदार पढ़ने के शौक़ीन हैं। आप भी पढ़ें। हमारे Facebook Page को Like करें –
दुनिया में कम ही लोग कुछ मज़ेदार पढ़ने के शौक़ीन हैं। आप भी पढ़ें। हमारे Facebook Page को Like करें – www.facebook.com/iamfeedy