दिवाली हिन्दू धर्म का सबसे विशेष त्यौहार है। इस त्यौहार में लोग गणेश और लक्ष्मी की बड़े श्रद्धाभाव से पूजा करते हैं। घर में मिठाईयां मंगाई जाती हैं, अच्छे पकवान बनाए जाते हैं। लोग एक दूसरे के घर त्यौहार की मुबारकबाद देने पहुँचते हैं। इन सब के बीच जो सबसे ख़ास बात है वो ये की हर घर में सजावट के लिए भी काम किया जाता है।
आमतौर पर दिवाली की तैयारी त्यौहार से हफ्ते भर पहले ही शुरू कर दी जाती है। सबसे पहले घरों में सफाई का काम होता है फिर दीवारों पर नए रंग दिए जाते हैं। असल परीक्षा शुरू होती है छोटी दिवाली और दिवाली के दिनों पर। पुराने जमाने में दीयों और फूलों के सहारे सजावट की जाती थी। जैसे-जैसे जमाना बदला सजावट के तरीके भी बदल गए। आइए आज हम बात करते हैं दिवाली पर होने वाली सजावट की। साथ ही बात करेंगे ट्रेंड में चल रहे नए सामानों की जो आपकी दिवाली में रोशनी भर देंगे।
झालर-लड़ी
झालर और लड़ियाँ लगाने का दौर दीयों और मोमबत्ती के बाद का दौर है। जब बिजली घर-घर तक पहुंची तो लोगों ने दिवाली के दिनों में छोटे-छोटे बल्ब की लड़ियां लगाना शुरू कर दिया। आप भी इस दिवाली रंग-बिरंगे LED वाले झालर लाकर घर को नया मिजाज दे सकते हैं।
रंगीन असबाब
दिवाली में सब घर की सफाई का ध्यान रखते हैं। साथ ही चादरों, तकिए के कवर और पर्दों को भी बदला जाता है। ये सब बदलते हुए अगर जरा सा ध्यान रखा जाए और इन्हें एक रंग-बिरंगा अंदाज दे दिया जाए तो पूरे घर का लुक बदल सकता है।
बंदनवार की सजावट
बलून टुआइन लाइट्स
बोतल से सजावट
रंगोली
फूल से सजावट
फ्लाइंग लालटेन
ये मुख्यतः कागज के बनाये जाते हैं जिनके नीचे वाला हिस्सा खुला होता है। इनके भीतर जल रही फ्लेम अन्दर मौजूद हवा को गर्म कर देती है और और उसके भीतर का घनत्व कम हो जाता है। हवा हल्की होते ही लालटेन ऊपर उठने लगता है।
दीया
दीया या दीप जिससे बना दीपावली या कहें दिवाली। जब बिजली जैसी चिड़िया का अता-पता नहीं था तब दीया घरों में रौशनी के लिए काम में लाया जाता था। पहले इसे पूजा-पाठ का हिस्सा बनाया गया। बाद में इनकी ढेरों संख्या एक कतार में लगा कर सजावट के लिए भी इस्तेमाल किया जाने लगा।
मोमबत्ती
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