जानिए कैसे 3 साल पुराने स्टार्टअप ने IPO के जरिए 3 दिन में हासिल की 23 करोड़ की फंडिंग

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एंड-टू-एंड टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस और सपोर्ट प्रोवाइडर Xelpmoc Design and Tech Limited ने 23 जनवरी को अपना इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) खोला और 25 जनवरी को बंद कर दिया। इसका मूल्य दायरा 62-66 रुपये तय किया गया। इसके जरिए कंपनी ने 10 रुपये के फेस वैल्यू पर 23 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा। योरस्टोरी के साथ बातचीत में, Xelpmoc Design and Tech Limited के सह-संस्थापक, संदीपन चट्टोपाध्याय ने कहा कि फंड की बढ़ोत्तरी पर्याप्त बुनियादी ढाँचे की स्थापना में इस्तेमाल होगी, हैदराबाद में कंपनी को अपनी पकड़ बनाने में मदद करेगा, और इससे कोलकाता में उनके पास जो कुछ भी है उसे बढ़ाएँगे। 

उन्होंने कहा, “हम कुछ वर्किंग कैपिटल और कुछ जनरल मैनेजमेंट पार्ट के लिए भी फंड का उपयोग करेंगे।” Xelpmoc के प्रमुख निवेशक काफी सॉलिड हैं जिनमें वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चाणक्य कैपिटल पार्टनर्स और नोट्रे डेम डीयू एलएसी विश्वविद्यालय शामिल हैं। संदीपन कहते हैं, “ये दीर्घकालिक, ठोस फंड हैं और हमको खुशी है कि उनकी रुचि हममें है।”

कंपनी की रणनीति और विजन के बारे में बात करते हुए, संदीपन कहते हैं, “हम कॉर्पोरेट, सरकार और स्टार्टअप्स के स्पेक्ट्रम में इनोवेशन को बढ़ावा देने के व्यवसाय में हैं। अब जबकि स्टार्टअप्स के साथ काम सबसे अधिक दिखाई देता है इसलिए हम मानते हैं कि सरकार और कॉरपोरेट्स भविष्य में हमारे लिए एक मजबूत प्ले के तौर पर होंगे और साथ ही हम ऐसे बाजारों में भी काम करेंगे जो अपने समाधान के लिए नई तकनीक पर भरोसा कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि उनके लिए बाजार क्षमता बहुत बड़ी है।

Xelpmoc के इक्विटी शेयर मुख्य BSE बोर्ड और NSE पर सूचीबद्ध हैं। तीन साल पुरानी बूटस्ट्रैप तकनीक कंपनी के लिए यह वास्तव में खुशी का पल है। संदीपन कहते हैं, “हम क्लासिकल, प्रोफिट स्टोरी नहीं हैं जो पब्लिक में जा रहे हैं।” उन्हें उम्मीद है कि इससे कंपनी को बूस्ट मिलेगा और पूरे स्टार्टअप इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करेगा। हालांकि उन्हें लगता है कि वे अपने मूल्यांकन से बड़ा लाभ उठाएंगे। उनका मानना है कि यह उनके लिए भविष्य में आगे बढ़ने का एक तरीका है। वे कहते हैं, “वर्तमान में, आईपीओ के लिए जाना स्टार्टअप्स के फंडिंग मॉडल से पूरी तरह बाहर है। हम स्टार्टअप्स के साथ काम करते हैं। हालांकि एक बार इस तरह के बिजनेस मॉडल के अस्तित्व में आने के बाद, स्टार्टअप के विदेशी विचारों पर निर्भरता को चुनौती दी जाएगी।”

ऐसा नहीं है कि वीसी फंड्स की जरूरत नहीं है, है लेकिन अब यह जरूरत 100 प्रतिशत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा, “बहुत सारे घरेलू आइडियाज को फंडिंग की कमी के कारण सपोर्ट नहीं मिलता है। जबकि यह प्रौद्योगिकी के लिए आवश्यक और महत्वपूर्ण लागत है।” उनका मानना है कि उनका व्यवसाय मॉडल उस प्रकार (घरेलू) के व्यवसायों में मदद करने की कोशिश करता है। संदीपन आगे कहते हैं, “इस प्रकार, जब हम उन व्यवसायों की मदद करने वाले सार्वजनिक बाजार में होते हैं, तो वे अप्रत्यक्ष रूप से बाजार से समर्थन प्राप्त करना शुरू कर देते हैं। एक अच्छी स्टोरी और एक अच्छा व्यवसाय मॉडल होने पर मार्केट में पर्याप्त अवसर हैं।”

जैसा कि कहा जाता है कि वीसी स्टार्टअप स्टोरी को कंट्रोल नहीं कर सकते, संदीपन कहते हैं कि वे सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचे के समर्थन में हैं। वे कहते हैं, “एक स्थिर स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में, केवल 15 प्रतिशत स्टार्टअप को वीसी फंडिंग होनी चाहिए। लोग केवल आंकड़ों के दूसरे पक्ष को देखते हैं कि 11 प्रतिशत कंपनियां ही सीरीज बी से आगे निकलती हैं, लेकिन वे दूसरी तरफ नहीं देखते हैं कि यदि आप सफलता को चार-पांच तिमाहियों के लिए इबिटा (EBITA) पोजटिव मानते हैं, तो लगभग 15 प्रतिशत कंपनियों ही हैं जो फंडेड हैं। बाकी 85 प्रतिशत वे हैं जो खुद से विकसित हुई हैं।”

Xelpmoc अब अगले 500 मिलियन भारतीयों के लिए समाधान पर ध्यान केंद्रित कर रही है। संदीपन कहते हैं, “हम मानते हैं कि लंबे समय तक टेक और नॉनटेक के रूप में विभाजित कंपनियों का अस्तित्व नहीं होगा। हर कंपनी के पास एक मूलभूत स्तंभ के रूप में तकनीक होगी और आप तकनीक का कितना लाभ उठाने में सक्षम हैं, यह निर्धारित करेगा कि कंपनी लाभदायक होगी या नहीं।”




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