434 रन चेस करने के पीछे की वो कहानी, जिसे बहुत कम लोग जानते हैं

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12 मार्च 2006. इस तारीख को न तो साउथ अफ्रीका की क्रिकेट टीम कभी भूल पाएगी, न ही ऑस्ट्रेलिया की. इस दिन ऑस्ट्रेलिया ने वन डे इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर बनाया था. जिसे तीन घंटे कुछ मिनट बाद ही साउथ अफ्रीका ने धूल में मिला दिया. 434 रनों के पहाड़ पर अपना बुलडोज़र चढ़ा दिया. हर मायने में वो मैच अभूतपूर्व रहा है. आज उसी मैच की बात. साथ ही कुछ दिलचस्प किस्से भी.

पहले तो मैच की रिपोर्ट

जोहान्सबर्ग में हुए उस मैच में टॉस ऑस्ट्रेलिया ने जीता और पहले बैटिंग चुनी. सोच यही थी कि पाटा विकेट पर बड़ा स्कोर बनाना है. ऐसा हुआ भी. बड़ा नहीं, बहुत बड़ा स्कोर बनाया. इतना बड़ा कि वर्ल्ड रिकॉर्ड ही बना दिया. न सिर्फ वन डे के इतिहास में पहली बार 400 का आंकड़ा पार किया, बल्कि 34 रन और जोड़े. रिकी पोंटिंग ने ज़बरदस्त सेंचुरी मेरी. 105 गेंदों में 164 रन बनाए. जिसमें 13 चौके और 9 छक्के शामिल थे. गिलख्रिस्ट, कैटिच और हसी ने भी खूब हाथ दिखाए. रनों का एवरेस्ट खड़ा कर दिया. इनिंग्स ब्रेक के दौरान कोई भी साउथ अफ्रीका का हल्का सा भी चांस नहीं मान रहा था.

पोंटिंग ने 9 छक्के मारे थे उस मैच में.

उधर साउथ अफ्रीका के इरादे कुछ और ही थे. चोकिंग के लिए बदनाम ये टीम उस दिन कुछ और ही खाकर मैदान पर उतरी थी. तीन रन पर डिपेनार का विकेट खोने के बाद उन्होंने ऐसा पांचवा गियर लगाया कि ऑस्ट्रेलिया के होश उड़ गए. कप्तान स्मिथ और बावले हर्शेल गिब्स ने आतंक मचा दिया. 55 गेंदों पर 90 रन बनाकर स्मिथ आउट हुए लेकिन गिब्स का कहर जारी रहा. उस दिन वो किसी और ही दुनिया के खिलाड़ी लग रहे थे. (वजह आगे सामने आएगी). 111 गेंदें खेलकर उन्होंने 175 रन बना डाले. जिनमें 7 छक्के और 21 – हां, इक्कीस – चौके शामिल थे. जब चौथे विकेट के रूप में गिब्स आउट हुए, साउथ अफ्रीका अभी लक्ष्य से 136 रन दूर थी. गेंदें बची थीं 107.

गिब्स पर उस दिन नशा चढ़ा था.

मैच फंसता हुआ नज़र आ रहा था. ऐसे वक़्त में दो और लोगों ने गिब्स की डाली नींव पर कमरा चढ़ा दिया. वो दो लोग थे वान डर वाथ और मार्क बाउचर. वान डर वाथ ने तेज़ी से 18 गेंदों में 35 रन मारे. उनके आउट होने के बाद मार्क बाउचर टीम को विजय तक ले गए. आख़िरी ओवर की एक गेंद बाकी रहते साउथ अफ्रीका ने 434 रनों की चढ़ाई, कामयाबी से चढ़ ली.

जीत की ख़ुशी मनाते मार्क बाउचर.

ये मैच कई मायनों में अनोखा था. एक तो ये कि इसमें वन डे का सबसे बड़ा स्कोर बना, जो उसी दिन चेस भी कर लिया गया. पूरे मैच में 87 चौके और 26 छक्के लगे जो कि एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. यानी 504 रन तो सिर्फ चौके-छक्कों से आए. जैसे बैटिंग नहीं बल्कि तलवारबाज़ी हुई हो. ऑस्ट्रेलिया के मिक लुईस ने 10 ओवर में 113 रन दिए, जो बुरी गेंदबाज़ी का रिकॉर्ड है और आजतक कायम है. ये उस सीरीज का पांचवा वन डे था. और सीरीज 2-2 से बराबर होने के कारण एक तरह से फाइनल था. इसे जीतकर अफ्रीका ने सीरीज भी जीत ली. रेफरी को भी ये समझ नहीं आया कि सबसे बढ़िया खिलाड़ी किसे चुने. इसलिए प्लेयर ऑफ़ दी मैच अवॉर्ड पोंटिंग और गिब्ज़ दोनों में साझा किया गया.

ये तो हुई मैच की कहानी. अब सुनिए वो किस्से जो मैदान में नहीं मैदान, के बाहर घटते हैं.

गिब्स का शराब में गोते लगाना

मैच से एक रात पहले की बात है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी माइक हसी डिनर के लिए निकले. उन्होंने देखा कि गिब्स बैठकर दारू पी रहे हैं. उन्होंने कुछ कहा नहीं और वो चले गए. जब वो वापस लौटे, तब भी गिब्स दारू पी रहे थे. कोई बात नहीं हुई और हसी कमरे में चले गए. वहां ऑस्ट्रेलियन टीम में एक बैठक हुई. बैठक ख़त्म होने के बाद जब हसी बाल्कनी में आए, तब भी गिब्स दारू ही पी रहे थे. उसके कुछ घंटों बाद जब हसी एक बार फिर बाल्कनी में आए, गिब्स दारू के ही हवाले थे. कहने की बात ये कि उस रात गिब्स देर रात तक शराब की सोहबत में थे. सुबह ब्रेकफास्ट से एक घंटा पहले तक वो दारू पी रहे थे.

गिब्स की शराबनोशी के गवाह थे माइक हसी.

ज़ाहिर सी बात है इतनी पीने के बाद नशा लंबे समय तक रहना ही था. दूसरे दिन गिब्स ने जो आतिशी बल्लेबाज़ी की, उसका ज़्यादातर अरसा वो नशे में थे. ये कहानी माइक हसी और हर्शेल गिब्स दोनों ने ही सुनाई थी. फर्क बस इतना था कि एक कहानी में शराब पीने का वक़्त रात के डेढ़-दो बजे तक था, तो दूसरी में सुबह चार बजे तक.

कैलिस ने ऐसा क्या कहा, जो सारी टीम चार्ज हो गई?

जब आपको 434 जैसा विशाल स्कोर चेज करना हो, तो मुकाबले से पहले ही आपका हौसला टूटने लगता है. लेकिन अफ्रीका को उस दिन देखकर ऐसा एक भी पल के लिए नहीं लगा कि ये टीम नर्वस है. ऐसा क्योंकर मुमकिन हुआ? वजह थे साउथ अफ्रीका के महान खिलाड़ी जैक्स कैलिस.

कैलिस साउथ अफ्रीकन टीम के लिए बरगद का पेड़ हैं.

जब इनिंग्स ब्रेक हुआ, पूरी टीम कोच मिकी आर्थर के इर्द-गिर्द इकट्ठा हुई. कहने लगी इसे चेज करने की कोई स्ट्रेटेजी बताई. माइक झल्लाकर बोले, “पूछ तो ऐसे रहे हो, जैसे मैं रोज़ 434 का स्कोर चेज करता हूं!” बात सही भी थी. लेकिन तभी कैलिस आगे आए. बोले कि हमने बढ़िया बोलिंग की. ऑस्ट्रेलिया ने 15 रन कम बनाए हैं. ये पिच साढ़े चार सौ रनों की है. वो लोग पिछड़ गए हैं. बात मज़ाक में कही लग रही थी लेकिन थी नहीं. सारे खिलाड़ी बातें करने लगे. सिवाय गिब्स के. वो एक कोने में ऊंघ रहे थे. नशा जो हावी था.

बहरहाल, कैलिस की उस बात ने जादुई असर किया. इससे सभी खिलाड़ियों के दिमाग से प्रेशर हट गया. जब अफ्रीका की टीम दोबारा मैदान में घुसी, उसका हौसला आसमान छू रहा था.

आगे का सब इतिहास है.




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