फैक्ट्रियों में काम शुरू करने को लेकर सरकार ने अब क्या निर्देश जारी किए हैं?

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देश में  25 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ था, जो कि 17 मई तक चलेगा. लेकिन सरकार ने कुछ एरिया में फैक्ट्रियों को खोलने की इजाजत दी है. साथ ही उम्मीद की जा रही है 17 के बाद फैक्ट्रियां खुलेंगी.  इसी कड़ी में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी यानी NDMA ने गाइडलाइंस जारी की है. इसमें उद्योगों को फिर से चालू करने और मजदूरों को लेकर निर्देश दिए गए हैं. विशाखापटनम में एलजी पॉलीमर्स कैमिकल प्लांट से गैस लीक के चलते भी ये गाइडलाइंस जारी की गई हैं. इस हादसे में 12 लोगों की जान गई थी.

 

क्या है गाइडलाइंस में

# काम शुरू करने के पहले सप्ताह को ट्रायल या टेस्ट रन की तरह ही लें. इस दौरान सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का पालन किया जाए.

# काम शुरू करने पर औद्योगिक प्लांट और मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए जाए.

# काम शुरू करने के पहले सप्ताह में उत्पादन के बड़े टार्गेट तय न किए जाए.

# काम करने वाले सभी कर्मचारियों को मशीनों से जुड़ी सभी तरह की जानकारी दी जाए. उनसे कहा जाए कि किसी भी तरह की अजीब आवाज, गंध, खुले तारों, लीकेज, धुएं की तुरंत जानकारी दी जाए. साथ ही इस तरह की कमियों को फौरन सुधारा जाए.

# मशीनों को दोबारा शुरू करने से पहले उनके सभी उपकरणों की जांच कर ली जाए.

# किसी भी तरह की मदद की जरूरत होने पर जिला प्रशासन से बात की जाए. वहां अपनी बात रखी जाए. जिला प्रशासन भी उत्पादन से जुड़े कामकाज को लेकर होने वाली समस्याओं का निपटारा करे.

 

विशेष उद्योगों के लिए

 

कच्चे माल का स्टोरेज

# स्टोरेज फैसिलिटी की ठीक से जांच की जाए. जिसे पता लग सके कि लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की टूटफूट तो नहीं हुई.

# पहले से खुले स्टोरेज केंद्रों/कंटेनरों/बोरियों को जांचा जाए. देखा जाए कि इनमें किसी तरह का कैमिकल रिएक्शन, खराबी तो नहीं हुई है.

# खतरनाक केमिकल्स और सामान के स्टोरेज को भी काम में लेने से पहले चेक किया जाए.

# स्टोरेज एरिया में जाने से पहले हवा और रोशनी की व्यवस्था कर लें.

# सप्लाई पाइपलाइन/वॉल्व्स/कन्वेयर बेल्ट की जांच होनी चाहिए. जिससे कि खराबी या लीक का पता चल सके.

# स्टोरेज बिल्डिंग को भी चेक किया जाए. देख लें कि छत या दीवारों में कोई नुकसान तो नहीं है.

 

उत्पादन प्रक्रिया

# फैक्ट्री को चालू करने से पहले पूरे औद्योगिक परिसर का सेफ्टी ऑडिट किया जाए.

# सभी पाइप, उपकरण और डिस्चार्ज लाइन की उचित सफाई की जाए. जरूरत के मुताबिक एयर प्रेशर और वाटर प्रेशर से सफाई की जाए.

# बॉयलर/फ्यूरेंस को इस्तेमाल करने से पहले पूरी तरह से चेक किया जाए.

# प्रेशर और टेम्प्रेचर से जुड़ी मशीनें ठीक से काम कर रही हैं, इसकी भी जांच कर ली जाए.

# ज्वलनशील और जहरीले पदार्थों के संबंध में बेहद सावधानी का ध्यान रखा जाएगा. इन मशीनों को शुरू करने से पहले पूरी एहतियात बरती जाएगी.

# पानी, कंप्रेस्ड एयर और भाप की पाइपों का सर्विस टेस्ट किया जाना चाहिए. जिससे कि इनमें हुए किसी तरह के लीक या कटाव को पकड़ा जा सके.

# जरूरत पड़ने पर आपातकालीन टीम/ एक्सपर्ट प्रोफेशनल टीम के जल्द से जल्द घटनास्थल तक पहुंचने की व्यवस्था की जानी चाहिए.

 

मजदूरों के लिए गाइडलाइंस

# फैक्ट्री परिसर में 24 घंटे सेनिटाइजेशन प्रक्रिया चलती रहनी चाहिए. लंच रूम, कॉमन रूम, मीटिंग हॉल को हर दो से तीन घंटे के बाद सेनिटाइज किया जाएगा.

# औद्योगिक परिसर में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का दिन में दो बार तापमान चेक किया जाएगा.

# जिन कर्मचारियों/मजदूरों में कोई भी असामान्य लक्षण दिखे उन्हें काम पर नहीं आना चाहिए.

# सभी कर्मचारियों के लिए हैंड सेनिटाइजर्स, ग्लव्ज और मास्क की व्यवस्था की जानी चाहिए.

# कोरोना संक्रमण से बचने के लिए क्या-क्या सावधानियां बरती जाएं, मजदूरों स्टाफ को इस बात की जानकारी दी जाए.

# वर्क फ्लोर और डाइनिंग हॉल में फिजिकल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था हो.

# यात्रा करने वाले सभी स्टाफ को 14 दिनों के लिए क्वारंटीन किया जाएगा.

# वैसी फैक्ट्रियां जो 24 घंटे काम करती हैं वहां, हर शिफ्ट में एक घंटे का फासला हो.

# प्रबंधकीय और प्रशासनिक सेवा के लिए काम कर रहे लोग एक शिफ्ट में कुल क्षमता का 33 प्रतिशत ही मौजूद रहेंगे.

# जहां तक संभव हो स्टाफ/मजदूर वर्क स्टेशन शेयर नहीं करें.




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