सभी जानते हैं कि मानसिक बीमारियों को देखा नहीं जा सकता, सिर्फ महसूस किया जा सकता है. अगर कोई शख्स मानसिक तनाव का शिकार है तो वह उसे बोलकर बता सकता है.लेकिन एक हालिया स्टडी में हैरान कर देने वाला खुलासा हुआ है. स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि इंसान की आंख की पुतली के साइज के आधार पर पता लगाया जा सकता है कि कोई व्यक्ति कितने तनाव में है.
कोलंबिया की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ मिस्सॉरी’ ने अपनी स्टडी में पाया कि व्यक्ति की आंखों से उनके दिमाग को पढ़ा और समझा जा सकता है. इससे व्यक्ति की तनावपूर्ण स्थिति को समझकर उसका हल निकलाने में मदद मिलेगी. शोधकर्ताओं के मुताबिक, आजकल कई लोग मल्टीटास्कर होते हैं, यानी एक समय में कई काम करते हैं. लेकिन किसी की मानसिक सेहत को नापने का कोई तरीका नहीं है.
लेकिन, इस स्टडी में सामने आया कि इंसान की आंख की पुतली से लोगों की मानसिक सेहत का पता लगाया जा सकता है. दरअसल, जब हम कोई जटिल काम करते हैं, या किसी बदलाव का सामना करते हैं, तो इंसानों की आखें अनिश्चित रूप से काम करने लगती हैं. इससे लोगों के मानसिक सेहत की जानकारी ली जा सकती है. ये स्टडी इंटरनेशनल जर्नल ‘ह्यूमन कंप्यूटर इंटरेक्शन’ में प्रकाशित हुई है. इस स्टडी की रिपोर्ट से ये जानने में मदद मिलेगी कि जरूरत से ज्यादा काम करने से बचने के लिए सिस्टम किस तरह डिजाइन किया जाना चाहिए.
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस स्टडी से आए नतीजों से कामकाजी लोगों को मानसिक तनाव का शिकार होने से पहले अपने तनाव के स्तर को जानने में भी मदद मिलेगी.
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