आतंकियों का मुकाबला करने वाले 16 साल के इस लड़के को मिला शौर्य चक्र

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हमारे सेना के जवान आतंकियों से मुकाबला करके देश के नागरिकों की जान की हिफाजत करते हैं। इस वजह से उन्हें समय समय पर अवॉर्ड भी मिलता है। लेकिन हाल ही में जम्मू कश्मीर के एक 16 साल के नौजवान को सेना की मदद करके आतंकी हमले को नाकाम कराने की वजह से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया। वह कश्मीरी नौजवान शोपियां का रहने वाला इरफान रमजान शेख है।

यह घटना 2017 के 16-17 अक्टूबर की है जब इरफान सिर्फ 14 साल के थे। उस रात तीन आतंकवादी उनके घर में घुस आए और उनके पिता मोहम्मद रमजान शेख पर हमला कर दिया। रमजान शेख गांव के पूर्व सरपंच रह चुके थे और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य भी थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक घर में आवाज सुनने के बाद इरफान घर से बाहर निकले और आतंकियों को खोजने लगे।

इरफान को लगा कि ये आतंकी उनके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए उन्होंने साहस दिखाते हुए आतंकियों का मुकाबला किया और घर में घुसने से रोका। हालांकि इतने में ही इरफान के पिता रमजान घर से बाहर निकल आए और आतंकियों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में रमजान घायल हो गए और अस्पताल ले जाने पर इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं एक आतंकी को भी गंभीर चोटें आईं और उसकी भी मौत हो गई। अपने एक साथी को घायल देख बाकी आतंकी फरार हो गए।

इरफान ने इतनी कम उम्र में खूंखार आतंकियों का मुकाबला किया। आतंकी की पहचान बाद में शौकत फलाही के नाम से हुई। बाद में उपद्रवी लोगों ने इरफान के घरवालों को प्रताड़ित किया। लेकिन इरफान कभी झका नहीं। इरफान ने बताया कि वह पुलिस फोर्स का हिस्सा बनना चाहता है।




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