कभी उधार की बंदूक लेकर करते थे प्रैक्‍टिस, अब हैं गोल्ड मेडलिस्ट

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कॉमनवेल्थ गेम्स में एक के बाद एक कई मेडल भारत की झोली में आ रहे हैं. वहीं इस बार भारत के लिए 15 साल के अनीश भानवाला ने पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया. जीत के साथ ही अनीश कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले देश के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें को ट्वीट के जरिए बधाई दी.

अनिश का जन्म 2 सितंबर, 2002 में हरियाणा के सोनिपत में हुआ. कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने से पहले वह आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप और आईएसएसएफ जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. बता दें, अनीश के परिवार में से कोई भी शूटिंग के क्षेत्र में नहीं है. उन्हें बचपन से ही इस खेल में रुचि थी. अनीश ने बहुत कम उम्र में ही शूटिंग करना शुरू कर दिया था. जब वह 7 साल के थे तो उनके पिता उधार में बंदूक ले लेकर आए थे वह उसी बंदूक से प्रैक्टिस किया करते थे.

परिवार का मिला पूरा साथ

अनीश के परिवार में खेल की दुनिया से नाता रखने वाला कोई नहीं था. लेकिन शुरू से ही उन्हें परिवार का सपोर्ट मिलता रहा. उनका परिवार ये बात बखूबी जानता था कि सोनिपत में शूटिंग की बेहतर सुविधाएं न अनीश को नहीं मिल पाएंगी. जिसके बाद उनका परिवार साल 2014 में दिल्‍ली शिफ्ट हो गया.

बता दें, 10वीं क्लास में पढ़ रहे अनीश के कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि उन्हें 10वीं के बोर्ड एग्जाम देने थे. रिपोर्ट के मुताबिक अनीश गोल्ड कोस्ट में अपनी मैथ्स की किताबें भी साथ ले गए हैं ताकि पेपर लीक के बाद अगर फिर से परीक्षा हुई तो वह तैयारी कर सकें.




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