पटना | कुछ कर गुजरने की इच्छा और अपने जुनून की वजह से इस लड़की ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. आज लोग इस लड़की को ग्रीन लेडी के नाम से भी जानते हैं. बिहार के मुंगेर के एक छोटे से गांव बंगलवा की रहने वाली जया देवी को बचपन से ही पेड़-पौधों से खासा लगाव था. वह हमेशा से ही अपने आसपास पेड़ लगाने और उन्हें बचाने के लिए लड़ती रही हैं. आज कई वर्षों के संघर्ष के बाद जया मुंगेर समेत पूरे बिहार में ग्रीन लेडी के रूप में जानी जाती हैं. जया ने सिर्फ पर्यावरण के लिए ही काम नहीं किया. उन्होंने पहले अपने गांव और बाद में आसपास के गांवों की महिलाओं को जागरूक करना शुरू किया. उन्होंने सबको बताया कि वह अपने स्तर पर छोटी-छोटी चीजों से कैसे बदलाव कर सकते हैं.
महिलाओं को जागरूक करने से पहले जया ने खुदको प्रशिक्षित किया. उन्होंने इसके बाद आसपास की महिलाओं को हर दिन कम से कम एक मुट्ठी अनाज बचाने को तैयार किया. उन्होंने महिलाओं को बताया कि वह ऐसा करके अपने परिवार के लिए जरूरत भर अनाज बचा पाएंगे. जया की इस पहल के कुछ समय के बाद ही इलाके की ज्यादातर महिलाएं उनके साथ हो गईं. इसके बाद जया ने सभी महिलाओं को हर सप्ताह पांच रुपये बचाने को तैयार किया. जया के अनुसार स्वयं सहायता समूह में जब पैसे बचने लगे तब सभी महिलाओं ने उस पैसे को बैंक में जमा करा दिया. बाद में जो भी महिला इस समूह की सदस्य बनी उन्हें जरूरी खर्चो के लिए समूह से ही कम ब्याज पर पैसा मिलने लगे. इस वजह से वह साहूकारों से मिलने वाले कर्ज के चंगुल में फंसने से बच गए.
जया ने किसानों के लिए भी काम करना शुरू किया. इलाके में खेती के लिए पानी की समस्या को दूर करते हुए जया ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग का प्रशिक्षण लिया. उनके इस कदम से 500 हेक्टेयर जमीन पर वाटरशेट बनने के बाद ने केवल खेती सरल हुई बल्कि अंडर ग्राउंड वाटर के लेवल में भी बढ़ोतरी हुई.
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