ये हैं वो भारतीय फिल्में जो ऑस्कर अवॉर्ड की मोहताज नहींं

0


ये हैं वो भारतीय फिल्में जो ऑस्कर अवॉर्ड की मोहताज नहींं
 

गाइड :  देव आनंद और वहीदा रहमान की अमर प्रेम कहानी. इस फिल्म के बारे में मशहूर बॉलीवुड निर्देशक ने एक बार कहा था कि जिसने फिल्म गाइड बना ली, उसे फिर कोई फिल्म बनाने की कभी जरुरत ही नहीं. इस फिल्म को बॉलीवुड की बेहतरीन क्लासिक फिल्म का दर्जा हासिल है. फिल्म के क्लाइमैक्स ने दर्शकों को कई स्तर पर हैरान कर दिया था.

 
ये हैं वो भारतीय फिल्में जो ऑस्कर अवॉर्ड की मोहताज नहींं

 

गरम हवा :  मशहूर लेखिका इस्मत चुगतई की शॉर्ट स्टोरी पर आधारित इस फिल्म को कैफी आजमी और शमा जैदी ने लिखा था. ये फिल्म लेजेंडरी एक्टर बलराज साहनी के करियर की अंतिम फिल्म थी. इस शानदार पॉलिटिकल फिल्म को सदाबहार फिल्म इसलिए कहा जाता है क्योंकि अपनी रिलीज़ के 40 सालों बाद भी ये प्रासंगिक बनी हुई है.

 

ये हैं वो भारतीय फिल्में जो ऑस्कर अवॉर्ड की मोहताज नहींं
 

कोर्ट : भारत की सबसे बेहतरीन फिल्मों में शुमार ये मराठी फिल्म क्लास और कास्ट की लड़ाई को रुपहले पर्दे पर दिखाती है. भारत के लीगल सिस्टम पर चोट करती ये फिल्म देश के कई समुदायों और क्लास पर प्रभाव डालने में कामयाब रही है. इसे एक बोल्ड फिल्म भी कहा जा सकता है.

ये हैं वो भारतीय फिल्में जो ऑस्कर अवॉर्ड की मोहताज नहींं
 

नायकन : कमल हासन ने इस फिल्म में एक गैंग्स्टर की भूमिका निभाई थी. ये कहानी वरदराजन मुद्दालियर की ज़िंदगी पर आधारित थी. इसे भारत की सर्वश्रेष्ठ गैंग्स्टर फिल्म के तौर पर शुमार किया जाता है. इस फिल्म के लिए कमल हासन को नेशनल अवॉर्ड मिला था. टाइम मैगजीन ने भी इस फिल्म को ऑल टाइम 100 सबसे बेहतरीन फिल्मों की लिस्ट में जगह दी थी.

 

ये हैं वो भारतीय फिल्में जो ऑस्कर अवॉर्ड की मोहताज नहींं
 

रंग दे बसंती : राकेश ओमप्रकाश मेहरा की वो फिल्म जिसने देश में एक पूरी जनरेशन को प्रभावित करने का काम किया था. आमिर खान इस फिल्म में अपनी टॉप फॉर्म में थे और इस फिल्म के बाद ही मेगास्टार का दर्जा हासिल कर चुके थे. ये फिल्म आज भी कई मायनों में प्रासंगिक बनी हुई है. राकेश मेहरा इस फिल्म जैसा चमत्कार फिर कभी नहीं दोहरा पाए.

 

ये हैं वो भारतीय फिल्में जो ऑस्कर अवॉर्ड की मोहताज नहींं
 

सलाम बॉम्बे : मीरा नायर की ये फिल्म मदर इंडिया के बाद ऑस्कर की रेस में सबसे करीब पहुंची थी. मुंबई के लोअर क्लास लोगों के हालातों को बयां करती इस फिल्म को देखते हुए कई बार सोचने पर मजबूर होना पड़ता है.




दुनिया में कम ही लोग कुछ मज़ेदार पढ़ने के शौक़ीन हैं। आप भी पढ़ें। हमारे Facebook Page को Like करें – www.facebook.com/iamfeedy

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Contact

CONTACT US


Social Contacts



Newsletter