क्या ‘गुलाबो सिताबो’ की कहानी चुराई हुई है?

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आयुष्मान खुराना और अमिताभ बच्चन की एक फिल्म आ रही है – ‘गुलाबो सिताबो’. यह फिल्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर 12 जून को रिलीज़ होगी. इसे डायरेक्ट किया है शूजित सरकार ने. लेखन का क्रेडिट दिया गया है जूही चतुर्वेदी को. लेखक राजीव अग्रवाल के बेटे अकीरा ने उन पर इल्ज़ाम लगाया है कि जूही ने उनके पिता की स्क्रिप्ट से चोरी की है. जूही ने इन इल्ज़ाम को नकारते हुए कहा कि उनका ज़मीर साफ़ है.

 

‘वह स्क्रिप्ट कभी मेरे पास नहीं आई’

अकीरा के पिता राजीव अग्रवाल की मार्च 2019 में मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने ‘देख भाई देख’, ‘इंद्रधनुष’, ‘नींव’, ‘कभी कभी मेरे घर में भूचाल आता है’ जैसे टीवी शो लिखे हैं. उन्होंने ‘सिनेस्तान’ नाम की फिल्म स्क्रिप्ट कॉन्टेस्ट में अपनी एंट्री भेजी थी. उनकी स्क्रिप्ट ’16 मोहनदास लेन’ टॉप 20 में चुनी गई थी. हालांकि इसे टॉप 8 में कोई स्थान नहीं दिया गया था. इस स्क्रिप्ट कॉन्टेस्ट को आयोजित किया था सिनेस्तान डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड ने. स्क्रीनराइटर्स असोसिएशन (SWA) ने इसे प्रोमोट किया था. जूही चतुर्वेदी इस कॉन्टेस्ट पर एक जज थीं. अकीरा ने कहा है कि इस तरह जूही ने उनके पिता की स्क्रिप्ट से चोरी की है.

जूही ने अपने बचाव में कहा:

“मेरा ज़मीर साफ़ है, और इस मामले के फैक्ट्स भी. ‘गुलाबो सिताबो’ मेरा ओरिजिनल काम है, और मुझे इस पर गर्व है. मैंने यह आईडिया फिल्म के डायरेक्टर और लीड एक्टर से 2017 की शुरुआत में शेयर किया था. उसके बाद मैंने मई 2018 में फिल्म का कॉन्सेप्ट नोट भी रजिस्टर करवाया था. सिनेस्तान के कॉन्टेस्ट में मेरे ज्यूरी मेंबर होने के बारे में भी सभी बातें साफ़ कर दूं. जिस स्क्रिप्ट से चोरी करने का इल्ज़ाम लगाया जा रहा है, वह स्क्रिप्ट कभी भी मुझ तक नहीं पहुंची. यह फैक्ट सिनेस्तान ने भी अलग से कंफर्म किया है. स्क्रीन-राइटर्स असोसिएशन, जिन्होंने मई 2020 में इस झगड़े को देखा, ने भी मेरे फेवर में फैसला दिया है.” 

सिनेस्तान स्क्रिप्ट कॉन्टेस्ट के ज्यूरी चेयरमैन थे स्क्रीनराइटर अंजुम राजाबली. उन्होंने बताया कि कॉन्टेस्ट 3 स्टेज में थी. ज्यूरी में आमिर खान, फिल्ममेकर राजकुमार हिरानी और जूही शामिल थे. उनका कहना था कि:

“16, मोहनदास लेन टॉप 20 में शामिल हुई थी, लेकिन यह फाइनल 8 स्क्रिप्ट की लिस्ट में नहीं थी, जो ज्यूरी को भेजी गई थीं. जूही सहित ज्यूरी के पास किसी स्क्रिप्ट का कोई एक्सेस नहीं था, सिवाय उन 8 स्क्रिप्ट के जो उनके पास भेजी गई थीं. इसलिए यह मान लेना बिल्कुल सही नहीं है, कि चूंकि जूही कॉन्टेस्ट की ज्यूरी पर थीं, इसलिए उन्हें यह स्क्रिप्ट मिली थी.”   

 

‘पिता की आखिरी स्क्रिप्ट होने की वजह से इमोशनल लगाव है’

अकीरा ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया है कि उन्होंने 22 मई के दिन ‘गुलाबो सिताबो’ का ट्रेलर देखा था. वे इस फिल्म में और अपने पिता की स्क्रिप्ट में कई समानताएं देखकर हैरान रह गए. उन्होंने इसे लेकर स्क्रीराइटर्स एसोसिएशन (SWA) के लीगल हैड से बात की. लेकिन उनके मुताबिक़ उनको गुमराह किया गया कि जब तक फिल्म रिलीज़ नहीं हो जाती, तब तक वे कुछ नहीं कर सकते.

 

 

इसके बाद उन्होंने एक उच्च अधिकारी से बात की, जिन्होंने मामले को डिसप्यूट सेटलमेंट कमिटी (DSC) के पास भेजा. इस कमिटी ने जूही से इस बारे में पूछा. जूही ने इंकार कर दिया कि उन्होंने स्क्रिप्ट कॉपी नहीं की है. उन्होंने अपनी स्क्रिप्ट भी सबमिट नहीं की. अकीरा कहते हैं कि इसके बाद बिना आगे कोई छानबीन किए SWA ने उनके खिलाफ फैसला दे दिया. उन्होंने कहा है कि इस समय तक वे यह बात नहीं जानते थे कि उस कम्पीटीशन में SWA भी सिनेस्तान के साथ पार्टनर थी. इसके बाद उन्होंने अपने वर्तमान वकील रिज़वान सिद्दीकी से बात की. उन्होंने 2 नोटिस भेजे: पहला SWA को. उनसे यह पूछते हुए कि जब उन्हें कानूनी रूप से इसकी इजाज़त नहीं है, तो उन्होंने फैसला कैसे दिया. दूसरा नोटिस जूही चतुर्वेदी और शूजित सरकार को. उन्हें अकीरा के पिता की स्क्रिप्ट और ‘गुलाबो सिताबो’ के ट्रेलर के बारे में समानताएं बताते हुए.

उन्होंने उनसे फिल्म की स्क्रिप्ट दिखाने की मांग की. स्क्रिप्ट दिखाने की मांग ठुकराए जाने पर उन्होंने जुहू पुलिस स्टेशन में केस दर्ज करवाया, और मीडिया को इस बारे में बताया. उन्होंने कहा है कि यह उनके पिता की आखिरी स्क्रिप्ट थी, जिसके बारे में वे बहुत खुश थे. इसलिए उनका इससे एक भावनात्मक लगाव है. पोस्ट के अंत में उन्होंने फिल्म ‘अक्टूबर’ का ज़िक्र किया है. कहा है कि यह सारिका मैने की कहानी से कॉपी की गई थी. आपको बता दें कि इस फिल्म को भी शूजित ने डायरेक्ट किया था, और जूही ने लिखा था. ‘अक्टूबर’ फिल्म की रिलीज़ के दौरान इसी तरह के आरोप लगे थे. इसे मराठी फिल्म ‘आरती : द अननोन लव स्टोरी’ से चुराए जाने की बात उठी थी. इस फिल्म को सारिका मैने ने लिखा और डायरेक्ट किया था. यह उनके भाई सनी पवार की ज़िंदगी से प्रेरित थी, जिन्होंने अपनी कोमा में गई हुई गर्लफ्रेंड का ख्याल रखने के लिए अपनी ज़िंदगी के 4 साल खर्च कर दिए थे.




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