यह मामला औरंगाबाद जिले के पोखरी गांव का है, गांववालों ने बताया- शिक्षा को बेहतर करने के लिए यह फैसला लिया गया गांव का एक स्कूल अभी 0.45 एकड़ में है, यहां करीब 240 बच्चे पढ़ते हैं गांववाले इस मुहिम से एकत्रित होने वाले पैसे से स्कूल के लिए 2 एकड़ जमीन खरीदना चाहते हैं
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक गांव ने धर्म और शिक्षा में से शिक्षा को चुनकर मिसाल पेश की है। यहां के ग्रामीणों ने धार्मिक गतिविधियों पर होने वाले खर्च में कटौती कर उस पैसे से स्कूल को बेहतर बनाने का फैसला किया है।
जिला परिषद की सीईओ पवनीत कौर ने बताया, ” पोखरी गांव का एक स्कूल अभी 0.45 एकड़ में है। यहां करीब 240 बच्चे पढ़ते हैं। इस स्कूल परिसर के विस्तार के लिए दो एकड़ जमीन खरीद रहे हैं।” पवनीत ने कहा कि ग्रामीण इस स्कूल को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाना चाहते हैं।
एक महीने पहले लिया गया फैसला
एक ग्रामीण बालासाहेब भोसले के मुताबिक, “स्कूल और उसकी सुविधाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने के लिए ग्रामीणों ने तीन महीने पहले धार्मिक गतिविधियों में होने वाले खर्च में कटौती का फैसला किया था।” ग्रामीण भागवत सप्ताह समेत अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में टेंट और मिठाई पर होने वाले खर्च में कटौती कर रहे हैं। यह भी तय किया गया है कि धार्मिक उत्सवों के दौरान दाल एक जगह तैयार की जाएगी, जबकि रोटी ग्रामीणों के घरों से मंगाई जाएगी। इस तरह बची राशि स्कूल को बेहतर करने करने में लगाई जाएगी।
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